राम वन को जायेंगे तो हम भी संग में जायेंगे लिरिक्स

राम वन को जाएंगे तो हम भी संग में जाएंगे भजन हमें श्रीराम के प्रति अपनी निष्ठा और भक्ति की ओर प्रेरित करता है। इस भजन में भक्त राम के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहने का संकल्प लेते हैं, चाहे वह सुख हो या दुख, घर हो या वन। यह भजन इस बात का प्रतीक है कि राम के साथ चलने का अर्थ केवल उनकी भक्ति में आस्था रखना नहीं है, बल्कि उनके साथ हर कदम पर यात्रा करना है, चाहे वह किसी भी प्रकार की कठिनाई हो।

Ram Van Ko Jayenge To Ham Bhi Sang Men Jayenge Lyrics

राम वन को जायेंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे,
राम के दर्शन बिन हम तो,
जीना भी नहीं चाहेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।1।

भूख तो लगेगी भैया,
भोजन कैसे पाओगे,
रामजी का दर्शन कर के,
दिल की भूख मिटायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।2।

प्यास तो लगेगी भैया,
पानी कहाँ से लाओगे,
रामजी का दर्शन कर के,
दिल की प्यास बुझायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।3।

नींद तो आयेगी भैया,
शय्या कहाँ से लाओगे,
राम जी का सुमिरन कर के,
सारी रात जगायेगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।4।

डर तो लगेगा भैया,
कहाँ कहाँ भग जाओगे,
राम के चरणों को तज,
और कही नहीं जायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।5।

राम वापस आयेंगे तो,
हम भी वापस आयेंगे,
अवधपुरी की गली गली में,
सीता राम गायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।6।

राम वन को जायेंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे,
राम के दर्शन बिन हम तो,
जीना भी नहीं चाहेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।7।

“राम वन को जाएंगे तो हम भी संग में जाएंगे जन हमें यह सिखाता है कि श्रीराम के साथ हर परिस्थिति में रहना चाहिए, जैसे राम सम नहीं कोई और उदार भजन में यह कहा गया है कि श्रीराम के समान कोई नहीं है। राम के साथ चलने की यात्रा को राम कथा सुनकर जाना भजन में भी अनुभव किया जा सकता है, जो हमें उनके जीवन के संघर्षों और उनकी महानता को समझाता है। इन भजनों के माध्यम से, हम अपनी भक्ति को और गहरा करते हैं और राम के साथ अपने जीवन के हर कदम पर उनके साथ यात्रा करने का संकल्प लेते हैं। जय श्रीराम!

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