राम सम नहीं कोई और उदार लिरिक्स

राम सम नहीं कोई और उदार एक बेहद सुंदर भजन है, जिसमें भगवान श्रीराम की महानता और उनके अद्भुत रूप को व्यक्त किया गया है। इस भजन के माध्यम से यह बताया गया है कि राम जैसा कोई और नहीं है जो इतनी उदारता और करुणा से भरा हुआ हो। उनकी शरण में जाने से हर मुश्किल आसान हो जाती है और उनका नाम ही जीवन को संजीवनी देता है। इस भजन को गाने से मन में एक अद्वितीय शांति और प्रेम का अनुभव होता है, जो हमें श्रीराम के चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है।

Ram Sam Nahin Koyi Aur Udhar Lyrics

चरण पड़े को शरण में रखे,
करदे बेड़ा पार,
राम सम नहीं कोई और उदार,
राम सम नहीं कोई और उदार।1।

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभुवर,
करते सदा कृपा करुणाकर,
गीध को लेकर गोद में अपनी,
किया अंतिम संस्कार,
राम सम नही कोई और उदार।2।

बड़ा दयालु है रघुनंदन,
कर में धनु और सोहे चन्दन,
चरण धुलाये केवट घर जा,
और किया उद्धार,
राम सम नही कोई और उदार।3।

क्षमावान नही इन सा कोई,
दयावान नही इन सा कोई,
‘राजेन्द्र’ श्रापित नार अहिल्या,
को हरि दीन्हे तार,
राम सम नही कोई और उदार।4।

चरण पड़े को शरण में रखे,
करदे बेड़ा पार,
राम सम नहीं कोई और उदार,
राम सम नहीं कोई और उदार।5।

राम सम नहीं कोई और उदार भजन में भगवान श्रीराम की अनमोल दया और करुणा को बखूबी दर्शाया गया है, और यह हमें राम लला जन्मे है थाल बजाओ और सूरज चंदा तारे उसके श्री राम जैसे भजनों से जोड़ता है, जहां भगवान की महिमा और उनके अद्वितीय गुणों का गान किया गया है। इन भजनों के द्वारा हम श्रीराम की भक्ति में रंग जाते हैं और उनके दिव्य रूप को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। राम की शरण में हर परेशानी का हल है। जय श्रीराम!

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