राम मेरे अब तो आ जाओ वीरान अयोध्या नगरी है लिरिक्स

राम मेरे अब तो आ जाओ वीरान अयोध्या नगरी है यह भजन भगवान राम के भक्तों की गहरी भावना और उनकी प्यास को दर्शाता है। यह भजन उस स्थिति का वर्णन करता है, जब अयोध्या नगरी वीरान हो गई है और भगवान राम के आने का इंतजार किया जा रहा है। अयोध्या की स्थिति और भगवान राम के बिना उनके वास की कमी को इस भजन में बड़े प्रभावी ढंग से व्यक्त किया गया है।

Ram Mere Ab to aa jao Viran Ayodhya Nagari hai

राम मेरे अब तो आ जाओ,
वीरान अयोध्या नगरी है।

दुनिया वाले क्या जाने,
तेरे भक्तों पे क्या गुजरी है…
राम मेरें अब तो आ जाओ,
वीरान अयोध्या नगरी है।।

तम्बू में बैठे हो देख के,
अखियाँ नीर बहाती है…
राजनीती करने वालो को,
फिर भी शरम ना आती है…
अब क्या हालत सुधरेगी,
जो अभी तलक ना सुधरी है…
राम मेरें अब तो आ जाओ,
वीरान अयोध्या नगरी है।।

कार सेवको की बलिदाने,
भी बेकार गई रघुवर…
जाने क्यों अधर्म के आगे,
धर्म कांपता है थर थर…
क्यों लाचार है भक्त तेरे,
क्यों झुकी सत्य की पगड़ी है…
राम मेरें अब तो आ जाओ,
वीरान अयोध्या नगरी है।।

न्याय पालिका से भी अब,
उम्मीद कोई बाकि ना रही…
सत्याधिशो ने भी अब तक,
पक्ष में कुछ ना सुनी ना कही…
‘अनुपम’ विनय करे ‘सरिता’,
बडी कांटो भरी ये डगरी है…
राम मेरें अब तो आ जाओ,
वीरान अयोध्या नगरी है।।

दुनिया वाले क्या जाने,
तेरे भक्तों पे क्या गुजरी है…
राम मेरे अब तो आ जाओ,
वीरान अयोध्या नगरी है।।

यह भजन भगवान राम के आशीर्वाद की प्रतीक्षा को दर्शाता है। जब तक राम जी अपनी कृपा से अयोध्या लौटे नहीं हैं, तब तक नगरी में मायूसी और उदासी बनी रहती है। पढ़ें और राम के आशीर्वाद से जीवन को सजाएं। इस अवसर पर, राम सिया राम से नयनाभिरामा और राम के भजन बिना लग है ना पार जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और राम की महिमा का अनुभव करें। जय श्रीराम!

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