राम बने है दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया यह भजन राम और सीता के विवाह की अत्यंत मधुर और शुभ घटना का वर्णन करता है। इस भजन के माध्यम से हम देखते हैं कि किस प्रकार राम और सीता का मिलन एक दिव्य और आध्यात्मिक union था। यह विवाह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन था, बल्कि यह धर्म, सत्य और आदर्शों की विजय का प्रतीक भी था।
Ram Bane Hai Dulha Sita Ji Dulhaniya
राम बने है दूल्हा,
सीता जी दुल्हनिया।
आज होगा रे लगन,
सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी।
सब हरसाये,
सभी देते हैं बधाइयां,
कैसी जोड़ी है सजी।
सीता संग राम की,
आये देव सभी, देव सभी,
राम बने है दुल्हा,
सीता जी दुल्हनिया।।
राम बनेंगे आज सिया वर,
जानकी राम प्रिया हो,
मंदिर मंदिर घर घर छाई।
चारो तरफ खुशियां हो,
जनक दुलारी ने रघुवर का,
जनक दुलारी ने रघुवर का।
आज किया है वरन हो,
राम ओढ़ाने आये,
सीता को चुनरिया।
आज होगा रे लगन,
सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी।
राम बने है दुल्हा,
सीता जी दुल्हनिया।।
धर्म निभाना है राजा को,
आज तो एक पिता का,
करना है कन्यादान जनक को।
आज तो अपनी सुता का,
जनक भरे हैं नैन में आंसू,
जनक भरे हैं नैन में आंसू।
दिल मे बड़ी ये दुआ हो,
तुमको लगे ना लाडो,
किसी की नज़रिया।
आज होगा रे लगन,
सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी।
राम बने है दुल्हा,
सीता जी दुल्हनिया।।
अवधपुरी के सब नर नारी,
आज भरे हैं उमंग से,
दसरथ हर्षित हर्षित हैं सब।
माताएं इस संग से,
रघुनंदन ने पूरा किया है,
रघुनंदन ने पूरा किया है।
आज तो सबका स्वपन हो,
राम ब्याह के लाये,
सीता को नगरिया,
आज होगा रे लगन।
सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने है दुल्हा,
सीता जी दुल्हनिया।।
राम बने है दूल्हा,
सीता जी दुल्हनिया,
आज होगा रे लगन।
सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
सब हरसाये,
सभी देते हैं बधाइयां।
कैसी जोड़ी है सजी,
सीता संग राम की,
आये देव सभी, देव सभी।
राम बने है दुल्हा,
सीता जी दुल्हनिया।।
राम और सीता का विवाह केवल एक विवाह नहीं, बल्कि सत्य और धर्म के प्रतीक का मिलन था। इस भजन के माध्यम से हमें यह समझ आता है कि जब हम राम के आदर्शों और सत्य के मार्ग पर चलते हैं, तो हमारे जीवन में भी वैसा ही प्रेम और सुख आता है, जैसे राम और सीता के विवाह में था। राम का विवाह हुआ और सीता का विवाह राम से हुआ जैसे भजन इस प्रेम और आदर्श की ओर हमें आकर्षित करते हैं, जिससे हम भी अपने जीवन में उसी प्रेम और सत्य को अपनाकर जीवन को दिव्य बना सकते हैं। 🙏

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile