राजा राम आइये मेरे भोजन का भोग लगाइये लिरिक्स

राजा राम आइये मेरे भोजन का भोग लगाइये भजन एक सुंदर और भव्य आह्वान है, जिसमें भक्त भगवान श्रीराम को अपने घर में आमंत्रित करते हैं। यह भजन उन भक्तों की भावनाओं का प्रतीक है, जो भगवान श्रीराम को अपने जीवन में शरणागत और प्रिय मानते हैं। भजन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि जब श्रीराम का आशीर्वाद हमारे जीवन में होता है, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है और जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है।

Raja Ram Aiye Mere Bhojan Ka Bhog Lagaiye

राजा राम आइये,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।1।

आचमनी अर्घा आरती,
यही यहाँ मेहमानी,
रुखी रोटी पाओ प्रेम से,
पियो नदी का पानी,
राजा राम आइयें,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।2।

भूल करोगे यदि तज दोगे,
भोजन रुखे सुखे,
एकादशी आज मन्दिर में,
बैठे रहोगे भूखे,
राजा राम आइयें,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।3।

राजा राम आइये,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।4।

राजा राम आइये मेरे भोजन का भोग लगाइये भजन हमें राम के प्रति अटूट विश्वास और भक्ति की भावना को और गहरा करता है। जैसे राम नाम प्यारा है राम नाम गाएजा में राम के नाम के महत्व को बताया गया है, वैसे ही इस भजन में भी राम के चरणों में अर्पित भोग का आह्वान किया जाता है। श्रीराम के प्रति प्रेम और श्रद्धा में, हर भक्त अपने जीवन को राममय बना सकता है, और इस भजन के माध्यम से हम राम की महिमा और आशीर्वाद को स्वीकार कर सकते हैं। कथा राम जी की है कल्याणकारी भजन भी हमें जीवन के उद्देश्य को सही दिशा में समझने का अवसर प्रदान करता है। जय श्रीराम!

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