राघव को मैं ना दूंगा मुनिनाथ मरते मरते भजन लिरिक्स

श्रीराम के प्रति निष्ठा, प्रेम और समर्पण जब अपने चरम पर होता है, तो इंसान अपने प्राण भी त्याग सकता है, लेकिन प्रभु को छोड़ नहीं सकता। राघव को मैं ना दूंगा मुनिनाथ मरते मरते भजन उसी वीर भक्त की भावना को दर्शाता है जो मुनिनाथ को श्रीराम सौंपने से मना करता है, चाहे प्राण ही क्यों न चले जाएं। जब मैंने इस भजन को आत्मा से महसूस किया, तो मन में श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति की लहर दौड़ गई। आइए, इसे साथ मिलकर पढ़ते हैं।

Raghav Ko Main Dunga Muninath Marte – Marte

जल के बिना कदाचित मछली शरीर धारे,
पर मैं ना जी सकूंगा इनको बिना निहारे…
कौशिक सिहर रहे हैं मेरे अंग डरते डरते,
राघव को मैं ना दूँगा मुनिनाथ मरते मरते…
मेरे प्राण ना रहेंगे यह दान करते करते।।

कर यत्न चौथेपन में सुत चार मैंने पाये,
पितु मातु पुरजनों को रघुचंद्र ने जिलाया…
लोचन चकोर तन्मय छविपान करते करते,
राघव को मैं ना दूँगा मुनिनाथ मरते मरते…
मेरे प्राण ना रहेंगे यह दान करते करते।।

चलते विलोक प्रभु को होगा उजाड़ कौशल,
मंगल भवन के जाते संभव कहाँ है मंगल…
सीचें कृपालु तरु को मृदुपात झरते झरते,
राघव को मैं ना दूँगा मुनिनाथ मरते मरते…
मेरे प्राण ना रहेंगे यह दान करते करते।।

होवे प्रसन्न मुनिवर लै राजकोष सारा,
रानी सुतो के संग में वन में करूँ गुजारा…
ले गोद राम शिशु को सुख मोद भरते भरते,
राघव को मैं ना दूँगा मुनिनाथ मरते मरते…
मेरे प्राण ना रहेंगे यह दान करते करते।।

लड़के है राम लक्ष्मण कैसे करे लड़ाई,
गिरिधर प्रभु को देते बनता नही गोसाईं…
कह यूँ पड़े चरण पर दृग नीर ढ़रते ढ़रते,
राघव को मैं ना दूँगा मुनिनाथ मरते मरते…
मेरे प्राण ना रहेंगे यह दान करते करते।।

राघव को मैं ना दूंगा मुनिनाथ मरते मरते,
मेरे प्राण ना रहेंगे यह दान करते करते।।

राघव को मैं ना दूंगा मुनिनाथ मरते मरते भजन, हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम त्याग नहीं करता, वह तो अंत तक डटकर खड़ा रहता है। इस भाव से भरा यह भजन हर रामभक्त को जरूर करना चाहिए। श्रीराम के इसी भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए और भी अद्भुत भजन पढ़ें जैसे कब रे मिलोगे राम मन बावरा पुकारे सुबहो शाम, प्रभु राम का सुमिरन कर हर दुःख मिट जाएगा, राम नाम जप ले एक यही संग जाई राम सुमिरले भाई और मुझे राम श्री राम प्राणों से ज्यादा प्यारे है। हर भजन में श्रीराम की करुणा और भक्ति का अमृत छिपा है जय श्रीराम!

Leave a comment