कुटुंब तजि शरण राम तेरी आयो भजन लिरिक्स

कुटुंब तजि शरण राम तेरी आयो भजन में भक्त श्रीराम की शरण में जाने की बात करते हैं। यह भजन उन भक्तों का गहन आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, जो अपने घर-परिवार, रिश्ते और संसारिक बंधनों को छोड़कर राम की शरण में समर्पित हो जाते हैं। भजन में यह संदेश है कि जब भगवान राम की कृपा मिलती है, तो सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। उनके चरणों में अर्पित हो जाना ही जीवन का सर्वोत्तम मार्ग है।

Kutunba Taji Sharan Ram Teri Aayo Bhajan Lyrics

कुटुंब तजि शरण,
राम तेरी आयो।1।

भरी सभा में रावण बैठ्यो,
चरण प्रहार चलायो,
मुरख अंध कहा नहीं माने,
बार बार समझायो,
कुटुंब तजि शरन,
राम तेरी आयो।2।

आवत ही लंकापति कीनो,
हरि हस कंठ लगायो,
जनम जनम के मिटे प्राभव,
राम दरश जब पायो,
कुटुंब तजि शरन,
राम तेरी आयो।3।

हे रघुनाथ अनाथ के बंधू,
दीन जान अपनायो,
तुलसीदास रघुवीर शरण से,
भक्ति अभय पद पायो,
कुटुंब तजि शरन,
राम तेरी आयो।4।

कुटुंब तजि शरण,
राम तेरी आयो।5।

कुटुंब तजि शरण राम तेरी आयो भजन हमें यह सिखाता है कि राम के प्रति समर्पण से बड़ा कोई अन्य कार्य नहीं हो सकता। जैसे राम सम नहीं कोई और उदार भजन में कहा गया है कि श्रीराम के समान कोई और उदार नहीं है, वैसे ही इस भजन में भी यह प्रदर्शित होता है कि उनके साथ चलने का अर्थ है हर बंधन से मुक्त होना। राम के साथ चलने के बाद सभी संसारिक इच्छाओं और दुखों से मुक्ति मिलती है, जैसा राम कथा सुनकर जाना भजन में उल्लेखित है। इन भजनों के माध्यम से हम अपनी भक्ति को गहरा करते हैं और श्रीराम की शरण में स्वयं को समर्पित करते हैं। जय श्रीराम!

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