जब अयोध्या में जन्म लिया राम ने यह भजन भगवान श्रीराम के जन्म की शुभ घड़ी को और उनके अद्वितीय रूप को समर्पित है। अयोध्या में राम के जन्म से हुई खुशियाँ आज भी हर भक्त के हृदय में बसी हैं। इस भजन में भगवान राम की महिमा, उनके आदर्श, और उनके अवतार की महिमा का बखान किया जाता है। यह भजन उनके जन्म की सुंदरता और अयोध्या के वातावरण की पवित्रता को दर्शाता है, जो आज भी श्रीराम के चरणों में बसी हुई है। श्रीराम के जीवन में आदर्श, धर्म, और भक्ति का पालन करने के कारण हर कोई उनसे प्रेरित होता है।
Jab Ayodhya Mein Janm liya Ram Ne – Lyrics
दोहा
राम नाम आधार जगत में,
राम नाम संसार जगत में।
राम को जानो राम को मानो,
राम नाम करतार जगत में।।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या में जन्म,
लिया राम ने।
चैत्र महीने की वो थी,
सुहानी घडी।
चैत्र नवमी को जन्म,
लिया राम ने।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या मे जन्म,
लिया राम ने।।
चार बेटे हुए राम भरत और लखन,
सबसे छोटे है भाई वो शत्रुघन।
तीनो रानी के पुत्र वो चार थे,
तीनों माँ को निभाया श्री राम ने।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या मे जन्म,
लिया राम ने।।
चोपाई –
रघुकुल रीत सदा चली आई।
प्राण जाए पर वचन ना जाए।।
राज्याभिषेक राम की तैयारी है,
दो वचन एक राजा पे वो भारी है।
अपने माँ बाप के वो वचन के लिए,
फर्ज अपना निभाया श्री राम ने।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या मे जन्म,
लिया राम ने।।
राम सुमिरन करो ‘दिनेश बिवाल’ कहे,
जल में पत्थर तीरे राम के नाम से।
मैं हूँ ‘इंदौरी लख्खा’ परखता है क्या,
मुझको गोहर बनाया श्री राम ने।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या मे जन्म,
लिया राम ने।।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या में जन्म,
लिया राम ने।
चैत्र महीने की वो थी,
सुहानी घडी।
चैत्र नवमी को जन्म,
लिया राम ने।
राजा दशरथ कौशल्या,
के घर में ख़ुशी।
जब अयोध्या मे जन्म,
लिया राम ने।।
जब अयोध्या में जन्म लिया राम ने भजन में राम के जन्म का महत्व और अयोध्या की पवित्रता को बखूबी व्यक्त किया गया है। इसी तरह के भजन जैसे राम लला जन्मे हैं थाल बजाओ रे और राम सम नहीं कोई और उदार भी राम के जीवन और उनके चरणों में स्थित प्यार और श्रद्धा को बढ़ाते हैं। राम की भक्ति में जो सच्चे दिल से समर्पित होता है, वह हमेशा अपने जीवन में सुख और शांति पाता है। जय श्रीराम!
मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile 🚩 हर हर महादेव 🚩