हे राम अवध के राजा तुझे कौन सी दुविधा घेरे

श्रीराम, जो स्वयं परमात्मा हैं, जिन्होंने सत्य और धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया, वे भी जीवन में कई कठिनाइयों और परीक्षाओं से गुजरे। हे राम अवध के राजा, तुझे कौन सी दुविधा घेरे भजन प्रभु श्रीराम के जीवन की उन परिस्थितियों को दर्शाता है जब वे राजमहल से वन में गए, माता-पिता की आज्ञा का पालन किया, और अधर्म के विरुद्ध धर्म की रक्षा की। यह भजन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि जो स्वयं ईश्वर हैं, यदि वे भी परीक्षा के दौर से गुजरे, तो हमें भी धैर्य और भक्ति के साथ अपने जीवन के संघर्षों का सामना करना चाहिए।

Hey Ram Awadh Ke Raja Tujhe Konsi Duvidha Ghere

हे राम अवध के राजा,
तुझे कौन सी दुविधा घेरे,
जन जन के भाग्य विधाता,
क्या लिखा भाग्य में तेरे।1।

क्या पुछ रहे है तुझसे,
इन महलों के सन्नाटे,
वो कौन सा दुःख तू जिसको,
सीता से भी ना बांटे,
मर्यादाओं की बेड़ी,
वचनों के भीषड़ ताले,
पुरखों के सम्मुख तूने,
स्वयंमेव स्वयं पर डाले।2।

रघुकुल के संचित यश का,
अब तू ही उत्तरदाई,
उस राह तुझे भी चलना,
पुरखों ने जो राह बनाई।3।

जो तुझको समझ ना पाए,
सचमुच वे लोग अभागे,
तू रख दे अपनी पीड़ा,
अपने आराध्य के आगे,
शिव जी तरह तुझको भी,
जीवन विष पीना होगा,
इन विषम परिस्थितियों से,
लड़ लड़ कर जीना होगा।4।

हे राम अवध के राजा,
तुझे कौन सी दुविधा घेरे,
जन जन के भाग्य विधाता,
क्या लिखा भाग्य में तेरे।5।

श्रीराम जी का जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन धर्म, सत्य और धैर्य के मार्ग पर चलकर हम हर चुनौती को पार कर सकते हैं। यह भजन हमें उनके चरित्र से प्रेरणा लेने और उनकी भक्ति में लीन होने का संदेश देता है। यदि आपको यह भजन प्रिय लगा, तो आप “श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन, राम नाम की महिमा, श्रीराम के वनवास की कथा, और “हनुमान जी के श्रीराम प्रेम की कथा” भी पढ़ सकते हैं। इन भजनों और लेखों से आपकी भक्ति और अधिक प्रगाढ़ होगी। 🚩 जय श्रीराम! 🚩

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