Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ,
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ…
अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ II
कनक सिहासन राजत जोड़ी,
दशरथ नंदन जनक किशोरी…
युगल छबि को सदा निहारूँ,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूं II १ II
बाम भाग शोभित जग जननी,
चरण बिराजत है सुत अंजनी,
उन चरणों को सदा पखारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूं II २ II
आरती हनुमत के मन भाए,
राम कथा नित शिव जी गाए…
राम कथा हृदय में उतारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूं II ३ II
चरणों से निकली गंगा प्यारी,
वंदन करती दुनिया सारी…
उन चरणों में शीश नवाऊँ,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूं II ४ II
हे राजा राम तेरी आरती उतारूं,
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ…
अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूं II

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile