हे पुरुषोत्तम श्रीराम करूणानिधान भगवान भजन लिरिक्स

हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करुणा और प्रेम के सागर, समस्त भक्तों के जीवन का आधार हैं। इस भजन में प्रभु श्रीराम की असीम कृपा, उनकी दया और भक्तों पर होने वाले उनके अनुकंपा का भाव प्रकट किया गया है। जब हम राम जी का स्मरण करते हैं, तो हमारे सभी कष्ट मिट जाते हैं और मन को एक अद्भुत शांति प्राप्त होती है। यह भजन हमें प्रभु के चरणों में समर्पण की प्रेरणा देता है और उनकी अनुकंपा का गुणगान करने की ओर अग्रसर करता है।

He Purushotam Shri Ram Karunanidhi Bhagwan

दोहा

राम नगरीया राम की,
और बसे गंग के तीर
अटल राज महाराज को,
चौकी हनुमत वीर।
चित्रकूट के घाट पर,
भई संतन की भीड़
तुलसीदास चन्दन घिसे,
तिलक करे रघुवीर।

हे पुरुषोत्तम श्रीराम,
करूणानिधान भगवान
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम।।

जानकीनाथ लखन के भैया,
केवटिया तुम पार लगइया
केवट की तुम तारी नैया,
तारो प्रभुजी मेरी नैया
दशरथ नंदन राम,
दशरथ नंदन राम
करूणानिधान भगवान,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम।।

पिता वचन वनवास सिधारे,
गिद्धराज निज धाम पधारे
जनकराज संताप मिटाए,
चारों भैया ब्याह के आए
जानकी वल्लभ राम,
जानकी वल्लभ राम
करूणानिधान भगवान,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम।।

जब सुग्रीव शरण में आया,
अभयदान रघुवर से पाया
तुलसी के प्रिय राम,
तुलसी के प्रिय राम
करूणानिधान भगवान,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम।।

हे पुरुषोत्तम श्री राम,
करूणानिधान भगवान,
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम
तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम।।

श्रीराम जी की महिमा का वर्णन शब्दों में कर पाना असंभव है, क्योंकि वे साक्षात धर्म, मर्यादा और भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी कृपा जिस पर भी बरसती है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। इस भजन के मधुर भावों में रमकर यदि आप और अधिक भक्ति का आनंद लेना चाहते हैं, तो राम नाम का अमृत पी ले जन्म सफल हो जाएगा, राम के गीत सुनाते चलो और जगमग हुई अयोध्या नगरी संत करें गुणगान जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्रीराम जी की महिमा का आनंद लें। जय श्रीराम! 🚩🙏

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