है नीको मेरो देवता कोसलपति राम

भगवान श्रीराम केवल अयोध्या के राजा ही नहीं, बल्कि समस्त भक्तों के आराध्य हैं। उनकी कृपा से जीवन में शांति, प्रेम और धर्म की स्थापना होती है। है नीको मेरो देवता कोसलपति राम भजन श्रीराम जी की महिमा और उनकी दिव्यता का वर्णन करता है। यह भजन हमें उनकी भक्ति की ओर आकर्षित करता है और यह एहसास कराता है कि कोसलपति श्रीराम ही जीवन की हर समस्या का समाधान हैं। उनकी शरण में जाने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में आनंद की अनुभूति होती है।

Hai Niko Mero Devata Kosalpati Ram

है नीको मेरो देवता,
कोसलपति राम,
सुभग सरोरुह लोचन,
सुठि सुंदर स्याम।1।

सिय-समेत सोहत सदा,
छबि अमित अनंग,
भुज बिसाल सर धनु धरे,
कटि चारु निषंग।2।

बलिपूजा चाहत नहीँ,
चाहत एक प्रीति,
सुमिरत ही मानै भलो,
पावन सब रीति।3।

देहि सकल सुख दुख दहै,
आरत जन-बंधु,
गुन गहि अघ-औगुन हरै,
अस करुनासिंधु।4।

देस-काल-पूरन सदा,
बद बेद पुरान,
सबको प्रभु सबमेँ बसै,
सबकी गति जान।5।

को करि कोटिक कामना,
पूजै बहु देव,
तुलसिदास तेहि सेइये,
संकर जेहि सेव।6।

है नीको मेरो देवता,
कोसलपति राम,
सुभग सरोरुह लोचन,
सुठि सुंदर स्याम।7।

श्रीराम जी की भक्ति का आनंद शब्दों से परे है। जो भी उनकी शरण में जाता है, उसे कभी किसी भय का सामना नहीं करना पड़ता। यह भजन हमें उनकी असीम कृपा और भक्ति का महत्व समझाता है। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो आप “श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन, राम नाम की महिमा, अयोध्या की महिमा, और हनुमान जी के श्रीराम प्रेम की कथा” भी पढ़ सकते हैं। इन भजनों और लेखों से आपकी भक्ति और अधिक प्रगाढ़ होगी। 🚩 जय श्रीराम! 🚩

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