एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र मैं मन की बात बताता हूँ भजन भगवान श्रीराम के दर्शन से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक भक्त अपनी गहरी श्रद्धा और भावनाओं को प्रभु के समक्ष व्यक्त करता है। इस भजन में भक्त रामजी से अपनी मानसिक स्थिति और जीवन के संघर्षों के बारे में बात करता है, जिससे यह भजन भक्तों को अपने मन की बातें भगवान के सामने रखने की प्रेरणा देता है। पढ़ें इस भजन को और राम के भव्य जीवन को समझें, और महसूस करें कि प्रभु श्रीराम आपके जीवन के हर कदम में मौजूद हैं।
Ek Din Bole Prabhu Ramchandra Main Man Ki Baat Batata Hu
एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र,
मैं मन की बात बताता हूँ…
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ।।
श्री राम जय राम…
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।
हनुमान हुए हैरान ये सुन,
बोले ऐसा ना संभव है…
मालिक सेवक के दबाये चरण,
ये नाथ नही ये संभव है…
ये महा पाप है मेरे प्रभु,
मैं जीते जी मर जाऊंगा…
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ।।
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम…
श्री राम जय राम जय जय राम।
प्रभु राम की वाणी सुनकर के,
हनुमान बड़े हैरान हुए…
इच्छा अजीब मेरे राम की है,
ये सुन के बड़े परेशान हुए…
ये अभी नहीं संभव है प्रभु,
जब होगा मैं बतलाऊंगा…
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ।।
श्री राम जय राम…
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।
त्रेता के बाद युग द्वापर है,
द्वापर में अवसर पाओगे…
मैं मुरली बनकर आऊंगा,
तुम कान्हा बन कर आओगे…
होंठों से लगाना तुम मुझको,
मैं तेरे भक्त नचाउंगा…
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ।।
श्री राम जय राम…
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।
ये तुम जानो या मैं जानु,
प्रभु ओर कोई ये जाने ना…
मुरली के रूप में हनुमत है,
ये राम सिवा कोई जाने ना…
दोनो की रहेगी मर्यादा,
मैं दोषी ना कहलाऊंगा…
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ।।
श्री राम जय राम…
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।
एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र,
मैं मन की बात बताता हूँ…
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ।।
श्री राम जय राम…
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।
एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र मैं मन की बात बताता हूँ भजन भगवान राम के प्रति भक्ति को और भी गहरा करता है। प्रभु के साथ संवाद करना और उनकी महिमा का गुणगान करना हमारी आत्मा को शांति देता है। राम के भजन बिना लग है ना पार, राम नाम का प्याला प्यारे पि ले सुबहो शाम, राम सिया राम से नयनाभिरामा से कह देना मेरा प्रणाम और राम से बड़ा राम का नाम पढ़ें और प्रभु की आशीर्वाद से जीवन को सुंदर बनाएं। जय श्रीराम!
मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile 🚩 हर हर महादेव 🚩