जब धर्म और अधर्म आमने-सामने होते हैं, तब केवल शक्ति ही नहीं, बल्कि मर्यादा और सत्य की विजय होती है। दो राजपुत्र, दो तेजवंत, दो शक्तिमान टकरावे भजन हमें उस दिव्य संग्राम की याद दिलाता है, जब प्रभु श्रीराम और रावण के बीच धर्म और अधर्म की निर्णायक लड़ाई हुई थी। यह केवल एक युद्ध नहीं था, बल्कि सत्य, भक्ति और धर्म की जीत का प्रतीक था। इस भजन के माध्यम से हम श्रीराम की पराक्रम गाथा का स्मरण करते हैं और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।
Do Rajput Do Tejwant Do Shaktiman Takarave
दो राजपुत्र दो तेजवंत,
दो शक्तिमान टकरावे,
तीरन से काटे तीरन को,
तीरन पे तीर चलावे,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।
क्या महाप्रतापी मेघनाथ,
जितने भी शस्त्र चलाता है,
जितने भी शस्त्र चलाता है,
उत्तर से आया लक्ष्मण सबके,
उत्तर देता जाता है,
उत्तर देता जाता है,
कोई क्रांत नहीं दोनों में कोई,
नहीं पीछे पाँव हटाता है,
नहीं पीछे पाँव हटाता है,
यह महासमर हर बार और भी,
गहरा होता जाता है,
गहरा होता जाता है,
बाणों से निकले अग्नि कभी,
बरसात कभी बरसावे,
तीरन से काटे तीरन को,
तीरन पे तीर चलावे,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।
एक युद्ध करे बाहुबल से,
एक शस्त्रो पर अभिमान करे,
एक शस्त्रो पर अभिमान करे,
एक राम चंद्र की जय बोले,
एक रावण का जयगान करे,
एक रावण का जयगान करे,
मुस्काये राम रण देख चकित,
सबको लक्ष्मण का बाण करे,
सबको लक्ष्मण का बाण करे,
यह महा समर वो जीत गया,
जिसकी विजय भगवान करे,
जिसकी विजय भगवान करे,
दोनों अपने सन्मान हेतु,
प्राणो का दांव लगावे,
तीरन से काटे तीरन को,
तीरन पे तीर चलावे,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।
दो राजपुत्र दो तेजवंत,
दो शक्तिमान टकरावे,
तीरन से काटे तीरन को,
तीरन पे तीर चलावे,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।
रामायण के अन्य भजनों के लिरिक्स भी देखें –
१. हम कथा सुनाते।
२. राम नाम आधार जिन्हे।
३. राम भक्त ले चला रे।
४. यही रात अंतिम यही।
५. राम कहानी सुनो रे।
६. ओ मैया तेने का ठानी।
७. मेरे लखन दुलारे बोल।
८. वन वन भटके राम।
९. श्री राम जी की सेना चली।
१०. सीताराम दरश रस बरसे।
श्रीराम केवल पराक्रम और शक्ति के प्रतीक नहीं, बल्कि धर्म और मर्यादा के सर्वोच्च आदर्श भी हैं। दो राजपुत्र, दो तेजवंत, दो शक्तिमान टकरावे भजन हमें यह सिखाता है कि सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने वालों की विजय निश्चित होती है। प्रभु राम की इस दिव्य गाथा को और गहराई से अनुभव करने के लिए श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे, राम नाम का जप लूं राम, भगवा रंग चढ़ने लगा है भजनों को भी पढ़ें और श्रीराम की भक्ति में आत्मसात हो जाएं। जय श्रीराम! 🚩🔥

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile