इस संसार की माया कितनी विचित्र है—यह हमें सत्य से भटका सकती है, लेकिन जो श्रीराम का भक्त बन जाता है, उसे यह भ्रमित नहीं कर सकती। भरमायो बिसरायो राम को माया में भजन हमें इस गहरी सच्चाई से परिचित कराता है कि माया के जाल में फंसकर हम अपने आराध्य प्रभु श्रीराम को भूल जाते हैं। लेकिन जब हमें उनकी कृपा का आभास होता है, तब हमें यह एहसास होता है कि असली सुख और शांति केवल उनके स्मरण में है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी अपने मन को श्रीराम की भक्ति में स्थिर करें।
Bharmayo Bisarayo Ram Ko Maya Me Bhajan
भरमायो बिसरायो,
राम को माया में।
गर्भ वास में अल्टो झूल्यो,
वचन भरयो जब आयो।
भरमायों बिसरायो,
राम को माया में।।
पहले भक्ति कबूले,
मां के उधर में झूले।
बाहर आकर सब भूले,
नर तोहे धिक्कार।
माता फूली ना समाए,
बाप धन को लुटाए।
भुआ कुर्ता टोपी लाए,
गाए मंगलाचार।
पाड़ पड़ोसन लाड लडावे,
बहना गोद खिलायो।
भरमायों बिसरायो,
राम को माया में।।
सखा साथियों में खेलें,
सबके धक्का मुक्की झेले।
कभी आपहू धकेले,
कभी माटी धूल खाय।
देखा देखी पढ़ने जाए,
सॉन्ग फिल्मों के गाए।
गाना फिल्मी सुनाएं,
माई बाप शरमाए।
नाते रिश्तेदार जचावे,
ठीक ठिकानों पायो।
भरमायों बिसरायो,
राम को माया में।।
घर में आई सुंदर नारी,
मोहे लागे अति प्यारी।
गोरे अंग की सवारी,
मुंड करे दिन-रात।
रंग संग मैं जमावे,
मिठो मिठो बतलावे।
पिया प्यारे की कसम,
मोहे कछु ना सुहात।
बचपन गई जवानी आई,
फेर बुढापो आयो।
भरमायों बिसरायो,
राम को माया में।।
काया माया पे बिगाड़ी,
चाम बही सारी कारी।
अब तो बोले ना है नारी,
हाले डगमग नाड।
दांत मुख में ना एक
चालें लकड़ी को टेक।
पहले कियो ना विवेक,
जा से मची सारी राड।
सुल्तान सिंह और चरण लाल ने,
एक ही मर्म मिलायो।
भरमायों बिसरायो,
राम को माया में।।
भरमायो बिसरायो,
राम को माया में।
गर्भ वास में अल्टो झूल्यो,
वचन भरयो जब आयो।
भरमायों बिसरायो,
राम को माया में।।
जो श्रीराम को भूल जाता है, वह संसार की माया में उलझकर सच्चे आनंद से वंचित रह जाता है। भरमायो बिसरायो राम को माया में भजन हमें यही संदेश देता है कि राम के बिना यह जीवन अधूरा है। प्रभु की इस दिव्यता को और गहराई से अनुभव करने के लिए राम बिना कुछ भाया ना, राम नाम का जप लूं राम, अगर राघव के चरणों में जगह थोड़ी सी मिल जाए, श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन भजनों को भी पढ़ें और श्रीराम की भक्ति में लीन हो जाएं। जय श्रीराम! 🙏🚩

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile 🚩 हर हर महादेव 🚩