भजो रे भैया राम गोविंद हरि भजन लिरिक्स

भजो रे भैया राम गोविंद हरि भजन हमें भगवान श्रीराम, श्रीगोविंद और श्रीहरि के पवित्र नाम का जाप करने की प्रेरणा देता है। यह भजन जीवन की कठिनाइयों में हमें भगवान के नाम से मानसिक शांति और बल प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जब हम भगवान के नाम का संकीर्तन करते हैं, तो हमारे जीवन में नकारात्मकता कम होती है और सकारात्मकता का वास होता है। इस भजन के माध्यम से हम भगवान के चरणों में सच्ची शरण पा सकते हैं।

Bhajo Re Bhaiya Ram Govind Hari

भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,
राम गोविंद हरि
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि।।

जप तप साधन,
कछु नहीं लागत
खरचत नहिं गठरी
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि।।

संतत संपत,
सुख के कारण,
जासे भूल परी
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि।।

कहत कबीरा,
जिन मुख राम नहीं,
ता मुख धूल भरी
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि।।

भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,
राम गोविंद हरि
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि।।

भजो रे भैया राम गोविंद हरि भजन हमें भगवान के नाम के महत्व को समझाता है और हमें अपने जीवन में उन्हें स्मरण करने की आदत डालने की प्रेरणा देता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि भगवान के नाम का जाप ही जीवन के हर कष्ट को दूर कर सकता है। इसके साथ ही, हम राम की असीम कृपा और राम के चरणों में शरण जैसे भजनों को गाकर और उनके संदेशों को समझकर अपना जीवन श्रेष्ठ बना सकते हैं। जय श्रीराम!

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