अवधपुरी में दीप जले है सिया संग मेरे राम चले है

जब अयोध्या के लाल, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम माता सीता के साथ लौटते हैं, तो पूरी अवधपुरी आनंद में झूम उठती है। अवधपुरी में दीप जले हैं, सिया संग मेरे राम चले हैं भजन अयोध्या की उसी पावन घड़ी का स्मरण कराता है जब भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपने नगर लौटे थे। यह भजन न केवल दीपावली की दिव्यता को दर्शाता है, बल्कि भक्तों के हृदय में भी आध्यात्मिक प्रकाश जगाता है।

Avadhpuri Me Deep Jale Hai Siya Sang Mere Ram Chale Hai

अवधपुरी में दीप जले है,
सिया संग मेरे राम चले है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम,
सकल विश्व में खुशहाली है,
सिया राम जी की अवध सजी है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।1।

त्रेता में तो चौदह बरस का,
वनवास था पाया,
कलयुग में भी वर्षों तक प्रभु,
इंतजार कराया,
खत्म हुआ अब इंतजार लो,
लौटे अयोध्या सबके राम,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।2।

अपने संग में लेके दिवाली,
आए श्री रघुराई,
ढ़ोल बजाओ स्वागत कर लो,
गाओ सारे बधाई,
राम जो आए धन्य हुआ है,
अवधपुरी का प्यारा धाम,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।3।

हे बजरंगी अपने बल से,
राम राज फिर ला दो,
राम प्रभु के इस भारत को,
हिंदुराष्ट्र बना दो,
अर्जी ‘जयंत’ ने भी है लगाई,
अर्जी ‘शुभम’ ने भी है लगाई,
कर दो सफल भगतों के काम,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।4।

अवधपुरी में दीप जले है,
सिया संग मेरे राम चले है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम,
सकल विश्व में खुशहाली है,
सिया राम जी की अवध सजी है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।5।

जब श्रीराम और माता सीता का आगमन होता है, तो अयोध्या ही नहीं, संपूर्ण भक्तों के हृदय में आनंद और उल्लास का प्रकाश फैल जाता है। यह भजन हमें श्रीराम के आगमन की महिमा का अनुभव कराता है और हमें उनके चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है। यदि आपको यह भजन प्रिय लगा, तो आप “श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन, राम नाम की महिमा, श्रीराम के वनवास की कथा, और “हनुमान जी के श्रीराम प्रेम की कथा” भी पढ़ सकते हैं। इन भजनों और लेखों से आपकी भक्ति और अधिक प्रगाढ़ होगी। 🚩 जय श्रीराम! 🚩

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