आप मेरी आँख के हो तारे हो राम प्राण से भी प्यारे

जब प्रेम और भक्ति अपनी चरम सीमा पर पहुँचती है, तब भक्त और भगवान के बीच का रिश्ता आत्मा और परमात्मा जैसा हो जाता है। आप मेरी आँख के हो तारे हो राम, प्राण से भी प्यारे भजन इसी अटूट प्रेम और समर्पण का भाव प्रकट करता है। जब कोई भक्त श्रीराम को अपने हृदय में बसा लेता है, तब उसके लिए राम केवल एक भगवान ही नहीं, बल्कि उसके जीवन का आधार और सबसे प्रिय बन जाते हैं।

Aap Meri Aankh Ke Ho Tare Ho Ram Pran Bhi Pyare

आप मेरी आँख के हो तारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे।1।

राजा दशरथ घर जन्म धरायो,
आये हो अवध दुलारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे,
सरयू के तट पर केवट के पास में,
नाविक से नाव ले उद्धारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे,
आप मेरी आंख के हो तारें,
हो राम प्राण से भी प्यारे।2।

सुवर्ण मृग में मोहित सीते,
मायावी मृग आप मारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे,
लंका नगर में रावण को मारा,
अगणित दैत्य को संहारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे,
आप मेरी आंख के हो तारें,
हो राम प्राण से भी प्यारे।3।

भक्त रखवाल प्रभु दिन दयाल हो,
संतो के पालन हारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे,
आप मेरी आंख के हो तारें,
हो राम प्राण से भी प्यारे।4।

आप मेरी आँख के हो तारे,
हो राम प्राण से भी प्यारे।5।

श्रीराम केवल अयोध्या के राजा ही नहीं, बल्कि हर भक्त के हृदय के स्वामी हैं। जो उन्हें अपने जीवन का आधार मानता है, उसके लिए संसार का हर सुख तुच्छ हो जाता है। अगर यह भजन आपके हृदय में भक्ति का दीप प्रज्वलित कर रहा है, तो आप “राम नाम की महिमा, श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन, हनुमान जी के श्रीराम प्रेम की कथा“, और “अवधपुरी में दीप जले हैं सिया संग मेरे राम चले हैं” जैसे अन्य भजन और लेख भी पढ़ सकते हैं। 🚩 जय श्रीराम! 🚩

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