राधा गायत्री मंत्र: राधारानी की कृपा पाने का दिव्य वैदिक मंत्र

राधा गायत्री मंत्र एक अत्यंत प्रेमपूर्ण और आध्यात्मिक मंत्र है, जो श्रीराधा रानी की करुणा और कृपा को पाने के लिए उच्चतम साधन माना गया है। Radha Gayatri Mantra से ह्रदय में भक्ति, प्रेम और शांति का संचार होता है। यह मंत्र भक्ति मार्ग के साधकों के लिए विशेष फलदायी है।

Radha Gayatri Mantra Lyrics

॥ ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्॥

मंत्र का अर्थ: हम राधा जी को जानें, जो श्रीकृष्ण की प्रिय हैं; हम उनका ध्यान करें। वे राधारानी हमें प्रेम, भक्ति और माधुर्य की प्रेरणा दें।

Radha Gayatri Mantra Lyrics॥ ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्॥

राधा कृष्ण गायत्री मंत्र यदि आप प्रेम और भक्ति के अन्य मंत्रों की खोज में हैं, तो Bhakti Sandesh पर उपलब्ध कृष्ण गायत्री मंत्र और लक्ष्मी गायत्री मंत्र भी अवश्य पढ़ें। हर मंत्र आपके मन को शांति और आध्यात्मिक ऊँचाई की ओर ले जाता है। जिससे आपकी भक्ति और अनुभव दोनों समृद्ध होंगे।

Radha Gayatri Mantra की मुख्य जाप विधि

  1. जाप का सर्वोत्तम समय: प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में अथवा संध्या के समय शांत मन से जाप करें।
  2. दिशा और आसन: पूर्व दिशा की ओर पीले वस्त्र पहनकर पीताम्बर या सफेद आसन पर बैठें। श्रीराधा जी के चित्र या मूर्ति का ध्यान करें।
  3. आवश्यक सामग्री: पीले पुष्प, तुलसी पत्र, मिश्री, सफेद चंदन, देसी घी का दीपक और धूप।
  4. मंत्र का जाप: इस मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप करते समय श्रीराधा रानी के श्रीचरणों का ध्यान करें और भावपूर्वक नाम जपें। यह मंत्र ह्रदय को निर्मल करता है, और प्रेमभाव को जाग्रत करता है।
  5. जाप के उपरांत: श्रीराधा जी को मिश्री का भोग लगाएं। अंत में “राधे राधे” का उच्चारण करते हुए धन्यवाद करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

FAQ

क्या यह मंत्र भक्ति और प्रेम को बढ़ाता है?

हां, यह मंत्र हृदय को कोमल, भावुक और श्रीकृष्ण भक्ति में पूर्णत: समर्पित बनाता है।

क्या इस मंत्र से ध्यान और मन की शुद्धता बढ़ती है?

क्या इसे कृष्ण मंत्रों के साथ जोड़कर जाप किया जा सकता है?

इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

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