Ramcharitmanas Prashnavali | रामचरितमानस प्रश्नावली : श्री राम से पूछें मन के प्रश्न

रामचरितमानस प्रश्नावली भक्तों को अपने जीवन के संदेहों और उलझनों में दिव्य मार्गदर्शन देती है। यह प्रणाली गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस पर आधारित है, जिसमें 15×15 अक्षरों की एक तालिका होती है। श्रद्धा और ध्यान से प्रश्न पूछने पर, उत्तर रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से मिलता है, जो हृदय को शांति और सही दिशा प्रदान करता है।

Ramcharitmanas Prashnavali का महत्व

Ramcharitmanas Prashnavali केवल प्रश्नों के उत्तर पाने का एक माध्यम नहीं, बल्कि यह श्रीराम के चरणों में आत्मसमर्पण की आध्यात्मिक प्रक्रिया है। यह प्रश्नावली जीवन के निर्णयों में दिव्य मार्गदर्शन देती है। इसका अभ्यास न केवल उत्तर प्रदान करता है बल्कि आत्मबल, विश्वास और शांति भी देता है। यह हमें यह अनुभूति कराता है कि श्रीराम सदा हमारे साथ हैं और उनके वचनों में ही हमारे सभी प्रश्नों का समाधान छिपा है।

रामचरितमानस प्रश्नावली का ऑनलाइन उपयोग कैसे करें?

  1. शुद्धता और ध्यान- प्रश्न पूछने से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। शांत मन से बैठकर श्रीराम का ध्यान करें और मन में अपने प्रश्न को स्पष्ट रूप से सोचें।
  2. प्रश्नावली तालिका पर क्लिक करें- अब ऊपर दिए गए ऑनलाइन रामचरितमानस प्रश्नावली टूल पर जाएँ और आँखें बंद करके श्रद्धापूर्वक तालिका के किसी भी खंड या अक्षर पर क्लिक करें।
  3. अक्षर चयन और चौपाई निर्माण- आपके द्वारा क्लिक किए गए स्थान का अक्षर आपके प्रश्न की शुरुआत मानेगा। अब उस अक्षर से शुरू करते हुए हर 9वें अक्षर को जोड़कर एक चौपाई बनती है।
  4. चौपाई पढ़ें और अर्थ समझें- जो चौपाई बनी है, उसे ध्यान से पढ़ें। आप चाहे तो उसे रामचरितमानस में खोज सकते हैं या टूल में दिखाया गया भावार्थ समझ सकते हैं। यह चौपाई ही आपके प्रश्न का उत्तर मानी जाती है।
  5. श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें- इस प्रक्रिया को पूरी श्रद्धा और विश्वास से करें। एक ही प्रश्न को बार-बार न पूछें। प्राप्त उत्तर को श्रीराम की इच्छा मानकर स्वीकार करें।

ध्यान देने योग्य बातें

रामचरितमानस प्रश्नावली का उपयोग करने से पहले आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान देना अति आवश्यक है, जिसे हमने आपके लिए मुख्य रूप से निचे बताया है:

  • यह भविष्यवाणी नहीं, मार्गदर्शन है: रामचरितमानस प्रश्नावली किसी तंत्र या ज्योतिष की तरह भविष्य बताने का साधन नहीं है। यह श्रीराम की कृपा से आत्मा को उत्तर देने वाला एक आध्यात्मिक माध्यम है। इसे श्रद्धा और विश्वास से उपयोग करें।
  • प्रश्न बार-बार पूछना अनुचित है: एक ही प्रश्न को बार-बार पूछना आपकी आस्था को कमजोर करता है। जो चौपाई पहली बार आए, वही भगवान की इच्छा समझें। अत्यधिक जिज्ञासा परिणाम को अस्पष्ट कर सकती है।
  • शांत और पवित्र मन जरूरी है: प्रश्नावली का सही फल तभी प्राप्त होता है जब मन शांत, निश्छल और भगवान में लीन हो। स्नान कर, साफ कपड़े पहनकर, शांत स्थान में बैठकर प्रयोग करें।
  • प्रश्न स्पष्ट और सीमित होना चाहिए: मन में चल रहा प्रश्न साफ-सुथरे और सटीक शब्दों में हो। अस्पष्ट या कई प्रश्नों से भरा मन सही उत्तर प्राप्त नहीं कर पाता।
  • उत्तर को मनचाहा न बनाएं: जो चौपाई मिले, उसे अपने मन की इच्छानुसार न मोड़ें। भावनात्मक या स्वार्थपूर्ण व्याख्या करने से प्रश्नावली का भाव नष्ट हो जाता है। उसे ईश्वर का आदेश समझकर स्वीकार करें।

यदि आप इन बातों का पालन करते हैं तो रामचरितमानस प्रश्नावली न सिर्फ एक प्रश्न का उत्तर बनती है, बल्कि ईश्वर से जुड़ने का एक प्रभावशाली साधन बन जाती है।

रामचरितमानस प्रश्नावली एक आत्मचिंतन और मार्गदर्शन का माध्यम है, जो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से जीवन के प्रश्नों में विचार की दिशा प्रदान करता है। यह श्रद्धा और शांति के साथ अपने अंतर्मन से जुड़ने का एक माध्यम है। यदि इसका उपयोग भक्ति, अनुशासन और सम्मानपूर्वक किया जाए, तो यह हमें प्रभु श्रीराम की शिक्षाओं से प्रेरित कर जीवन में संतुलन और स्पष्टता दे सकता है।

रामचरितमानस प्रश्नावली तुलसीदास जी द्वारा रचित इस महान ग्रंथ से प्रेरित है, जो जीवन के हर प्रश्न का उत्तर देती है। यह पद्धति रामायण प्रश्नावली और राम शलाका प्रश्नावली के साथ जुड़ी हुई है, जो भक्तों को श्रीराम के आदर्शों से मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। यदि आप अपने जीवन के संदेहों का समाधान पाना चाहते हैं, तो राम प्रश्नावली का भी उपयोग कर सकते हैं।

FAQ

क्या प्रश्नावली का उत्तर 100% सत्य होता है?

यह एक श्रद्धा आधारित माध्यम है जो आत्मविश्वास और प्रभु श्रीराम पर भरोसे को बढ़ाता है। इसका उत्तर भविष्यवाणी नहीं है, लेकिन अनुभवजन्य रूप से कई भक्तों को इसमें मार्गदर्शन मिला है।

क्या इस प्रश्नावली में केवल चौपाइयाँ आती हैं या अन्य श्लोक भी?

ऑनलाइन प्रश्नावली कितनी विश्वसनीय होती है?

क्या इस प्रश्नावली को किसी विशेष दिन या समय पर करना चाहिए?

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