पर्वो में पर्युषण हम जैनो की शान

जैन धर्म में पर्व और व्रत आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का माध्यम होते हैं, और इन्हीं में पर्युषण पर्व को सबसे महान माना गया है। पर्वो में पर्युषण हम जैनों की शान भजन पर्युषण पर्व की महिमा और इसके महत्व को दर्शाता है। यह पर्व आत्मसंयम, तपस्या, प्रायश्चित और क्षमायाचना का संदेश देता है, जिससे आत्मा की शुद्धि होती है। आइए, इस पावन पर्व के महत्व को समझते हुए, भजन के भावों को आत्मसात करें।

Parvo Me Payushan Hum Jaino Ki Shan

पर्वो में पर्युषण,
हम जैनो की शान,
धर्म ध्यान और क्षमादान का,
पर्व ये बड़ा महान,
श्वेताम्बर दिगम्बर हो,
करते सभी गुणगान,
धर्म ध्यान और क्षमादान का,
पर्व ये बड़ा महान।1।

जप तप व्रत के,
दिन ये सुहाने,
गुरूवर पधारे,
जिन वाणी सुनाने,
स्वर्णिम ये अवसर,
बीत न जाये,
आओ धर्म की,
ज्योत जगाये,
महावीर की वाणी का,
आओ करे रसपान,
धर्म ध्यान और क्षमादान का,
पर्व ये बड़ा महान।2।

आये पर्युषण,
अंगना हमारे,
मंदिर सजे है,
प्रभुवर के प्यारे,
दर्शन पूजन में,
लम्बी कतारे,
प्रभु की भक्ति,
सांझ सवेरे,
पर्व सुहाना आँगन आया,
आओ करे सम्मान,
महिमा अपरम्पार है,
‘दिलबर’ कैसे करूँ बखान,
धर्म ध्यान और क्षमादान का,
पर्व ये बड़ा महान।3।

पर्वो में पर्युषण,
हम जैनो की शान,
धर्म ध्यान और क्षमादान का,
पर्व ये बड़ा महान,
श्वेताम्बर दिगम्बर हो,
करते सभी गुणगान,
धर्म ध्यान और क्षमादान का,
पर्व ये बड़ा महान।4।

जैन जी के भजन हमें धर्म, तपस्या और आत्मशुद्धि के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। पर्वो में पर्युषण हम जैनों की शान भजन भी हमें पर्युषण पर्व के महत्व को समझाकर संयम और साधना की ओर अग्रसर करता है। यदि यह भजन आपके मन में धर्मभाव जाग्रत करे, तो “क्षमावाणी महापर्व की महिमा , संयम ही सच्ची संपत्ति , तपस्या का अद्भुत प्रभाव” और “पर्युषण के आठ दिवसीय अनुष्ठान” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और इस पावन पर्व के महत्व को अपने जीवन में अपनाएं। 🙏

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