ओम जय शिव ओंकारा आरती यह एक दिव्य आरती है जो भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है। शिव जी, जिन्हें संहारक, रक्षक और सृजनहार माना जाता है, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी भक्ति में Om Jai Shiv Omkara Aarti न केवल भक्तों के हृदय को छूती है, बल्कि उन्हें आंतरिक शांति और सुकून भी प्रदान करती है। ओम जय शिव ओंकारा की धुन में लय और भक्ति का एक अनूठा समावेश है, जो हमें भगवान शिव के प्रति हमारी निष्ठा और प्रेम को और भी गहरा करता है।
इस shiv aarti bhajan में भगवान शिव की विभिन्न लीलाओं और गुणों का वर्णन किया गया है, जैसे कि उनकी कृपा, करुणा और शक्ति। यह आरती विशेष रूप से शिवरात्रि, महाशिवरात्रि जैसे पावन पर्वों पर गाई जाती है। जब भक्त पूरे श्रद्धा भाव से इस आरती को गाते हैं, तो वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है। नीचे हमने आपके लिए सम्पूर्ण आरती को उपलब्ध कराया है।
Om Jai Shiv Omkara Aarti
जय शिव ओंकारा,
ॐ जय शिव ओंकारा…
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।
ॐ जय शिव ओंकारा…
एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे।
ॐ जय शिव ओंकारा…
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ,
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।
ॐ जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।
ॐ जय शिव ओंकारा…
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी,
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी।
ॐ जय शिव ओंकारा…
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे,
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
ॐ जय शिव ओंकारा…
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ,
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका।
ॐ जय शिव ओंकारा…
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा,
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।
ॐ जय शिव ओंकारा…
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ।
ॐ जय शिव ओंकारा…
इस प्रकार, ओम जय शिव ओंकारा आरती हमारे लिए एक अनमोल साधना है, जो हमें शिव जी की अनंत कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। यह आरती न केवल भक्तों के मन में श्रद्धा का संचार करती है, बल्कि उन्हें एकता और प्रेम की भावना से भी भर देती है। यहाँ से आप shiv aarti image एवं om jai shiv omkara lyrics को पढ़ व डाउनलोड कर सकते हैं जो आपके लिए उपयोगी व सुविधाजनक हो सकता है।
FAQ
क्या यह आरती इंग्लिश में भी उपलब्ध है ?
हाँ, यह आरती इंग्लिश में भी उपलब्ध है जिसे आप अपने सुविधा के लिए पढ़ सकते है।
आरती को किसी विशेष अवसर पर भी किया जा सकता है ?
हाँ, इस आरती को केवल विशेष अवसर जैसे शिवरात्रि, सावन और सोमवार के दिन भी किया जा सकता है।
आरती करने से क्या लाभ होता है ?
आरती करने से हमारा मन प्रसन्न रहता है जिससे हमारे मन में सदा अच्छे विचार आतें है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.