नवग्रह पूजा में उपयोग की जाने वाली नवग्रह सामग्री का विशेष महत्व होता है, क्योंकि नवग्रह पूजा सामग्री के द्वारा प्रत्येक ग्रह को शांत और उनकी कृपा को प्राप्त किया जा सकता है। Navgrah Samagri में नौ ग्रहों से संबंधित विशेष वस्तुएँ शामिल होती हैं, जैसे- धातुएँ, अनाज, फूल, रत्न और अन्य पूजन-सामग्री, जो वैदिक परंपरा के अनुसार चुनी जाती हैं।
Navgrah Samagri List
ग्रह | दान सामग्री | दान का समय |
---|---|---|
सूर्य | लाल वस्त्र, गुड़, माणिक्य, गेहूं, मसूर की दाल, लाल पुष्प, केसर, तांबा, स्वर्ण, लाल गाय | सूर्योदय |
चंद्र | श्वेत वस्त्र, चावल, शकर, सफेद पुष्प, कर्पूर, दूध, दही, चांदी, मोती, शंख, घी, स्फटिक | संध्या |
मंगल | लाल वस्त्र, गुड़, मूंगा, लाल पुष्प, केसर, तांबा, रक्त चंदन, मसूर की दाल | सूर्योदय से 5 घड़ी बाद पूरा दिन |
बुध | हरा वस्त्र, साबुत मूंग, हरे फल, पन्ना, कांस्य, किताबें | सूर्योदय से 5 घड़ी बाद पूरा दिन |
गुरु | पीला वस्त्र, स्वर्ण, पुखराज, साबुत हल्दी, गाय का घी, चने की दाल, पीले पुष्प, पीले फल | संध्या |
शुक्र | श्वेत वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं, हीरा, स्फटिक, चांदी, चावल, शकर, इत्र, श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प, दूध, दही | सूर्योदय |
शनि | काला वस्त्र, उड़द दाल, काले तिल, तिल का तेल, चमेली का तेल, सरसों का तेल, लोहा, छाता, चमड़ा, नीलम, कंबल | मध्यान्ह काल |
राहु | काला या नीला वस्त्र, उड़द दाल, तेल से भरा ताम्रपात्र, सूपड़ा, कंबल, सप्तधान्य, गोमेद, खड्ग | रात्रि |
केतु | काला वस्त्र, काले तिल, चमेली का तेल, लहसुनिया, चितकबरा कंबल, साबुत उड़द, काली मिर्च | रात्रि |
नवग्रह हवन सामग्री एक विशेष वैदिक मिश्रण है जो नौ ग्रहों की शांति और संतुलन के लिए प्रयोग होती है।
यह जीवन में सुख, समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा प्रदान करती है।

Navgrah Samagri से पूजा करने की विधि
- पूजा की तैयारी: सबसे पहले सुबह जल्दी स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल की गंगाजल या साफ पानी से साफ- सफाई करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले कपड़े को बिछाएं और उस पर नवग्रहों की तस्वीरें या यंत्र स्थापित करें।
- नवग्रहों की स्थापना: पूजा चौकी पर नवग्रहों के प्रतीक, यंत्र या उनकी मूर्तियाँ क्रमवार इस प्रकार रखें:
सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। - सामग्री का अर्पण: हर ग्रह को उसकी संबंधित समाग्री अर्पित करें- जैसे सूर्य को गेहूं, गुड़ और लाल फूल, चंद्र को दूध, चावल और सफेद फूल आदि। साथ में हर ग्रह का बीज मंत्र या गायत्री मंत्र श्रद्धा से जपें।
- मंत्रोच्चारण और ध्यान: हर ग्रह के सामने बैठकर 11 या 108 बार उसका बीज मंत्र जपें। मन को शांत रखें और हर ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा का ध्यान करें।
- सामूहिक आरती और प्रार्थना: सभी नवग्रहों की सामूहिक आरती करें और फिर नवग्रह शांति मंत्र का पाठ करें।
“ॐ सर्वग्रह शांति भवतु” कहकर पूजा का समापन करें। - समापन और दान: अंत में ब्राह्मण या ज़रूरतमंद व्यक्ति को यथासंभव दान दें- जैसे वस्त्र, अन्न आदि और भगवान से कृपा की प्रार्थना करें।
FAQ
क्या हर बार पूजा के लिए पूरी सामग्री की ज़रूरत होती है?
पूजा की प्रभावशीलता के लिए सामग्री पूरी होनी चाहिए, लेकिन यदि कुछ चीजें ना हों तो श्रद्धा और सही भावना के साथ विकल्पों से भी पूजा की जा सकती है।
क्या Navgrah Puja Ki Samagri बाजार में रेडीमेड मिल जाती है?
जी हाँ, अब सामग्री की रेडीमेड किट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह आसानी से मिल जाती है, जिसमें हर ग्रह की सामग्री पहले से सेट होती है।
क्या किसी विशेष दिन पर इस सामग्री से पूजा करनी चाहिए?
अधिकतर लोग शनिवार या ग्रह दोष के अनुसार तय तिथि पर पूजा करते हैं, लेकिन आप इसे शुभ मुहूर्त देखकर किसी भी दिन कर सकते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile