नवग्रह आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सारे ग्रह दोष से मुक्ति मिलती हैं। इस Navgrah aarti को वे सभी लोग कर सकते हैं जो अपने जीवन में ग्रहों से परेशान हैं। इसके प्रभाव के कारण ही बना कार्य बिगड़ जाता है ऐसे में नवग्रह का आशीर्वाद पाने का ज्योतिष जी ने बड़ा सरल उपाय बताये हैं।
इनका मानना है की Navgrah ki aarti करने से ये सभी ग्रह अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और इनकी कृपा सदा आप पर बनी रहती है। आप इस आरती के द्वारा इसका पाठ कर सकते है।
Navgrah Aarti Lyrics
आरती श्री नवग्रहों की कीजै,
बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै॥
सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर
जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै॥
रुप चंद्र शीतलता लायें,
शांति स्नेह सरस रसु भीजै॥
मंगल हरे अमंगल सारा,
सौम्य सुधा रस अमृत पीजै॥
बुध सदा वैभव यश लाए,
सुख सम्पति लक्ष्मी पसीजै॥
विद्या बुद्धि ज्ञान गुरु से ले लो,
प्रगति सदा मानव पै रीझे॥
शुक्र तर्क विज्ञान बढावै,
देश धर्म सेवा यश लीजे॥
न्यायधीश शनि अति ज्यारे,
जप तप श्रद्धा शनि को दीजै॥
राहु मन का भरम हरावे,
साथ न कबहु कुकर्म न दीजै॥
स्वास्थ्य उत्तम केतु राखै,
पराधीनता मनहित खीजै॥
नवग्रहों की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। क्योंकि धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, सभी नौ ग्रह भगवान शिव के अधीन हैं। इसलिए, नवग्रह पूजा के साथ Shiv Bhajan एवं उनके कुछ मुख्य पाठों जैसे- Shiv Stuti, shiva gayatri, shiv rudra mantra, shiv shakti mantra, shiv shabar mantra आदि को भी करनी चाहिए।
नव ग्रह की आरती व पूजा करने की विधि
- स्नान – जिनको भी पूजा करना है वे स्नान कर लें।
- ध्यान और आशीर्वाद – स्नान करने के बाद आप अपने कुलदेवता और पितरों का ध्यान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- पूजा प्रारम्भ – पुरोहितों को प्रणाम करने के बाद पूजा शुरू करें।
- नवग्रह मंडल – पूजा स्थान पर नव ग्रह मंडल की रचना करें।
- कलश गणेश – इसके बाद कलश स्थापित करें तथा गौरी गणेश की पूजा करें।
- आवाह्न – अब आप पहले गंगा माँ को फिर धरती माँ को आवाह्न करें।
- रक्षासूत्र – इसके बाद यजमान को सभी देवी देवताओं की शक्तियों का संकल्प लेते हुए रक्षा सूत्र बांधे।
- दिशा – Navgrah devta ki aarti करते समय आप के मुख की दिशा सूर्य के तरफ होनी चाहिए।
- आरती – पूजा के बाद navgrah ki aarti करें।
नव ग्रह आरती करने के लाभ
- ग्रह दोष – इन ग्रहो की आरती करने से आपका जीवन, सभी ग्रह दोष से मुक्त हो जाता है।
- कार्यों में सफलता – आरती करने से आप के बिगड़े कार्य बनने लगते हैं तथा कार्यों में सफलता मिलती है।
- विवाह में रुकावटे – विवाह में या किसी शुभ कार्य में रुकावटे आ रही है तो इसकी आरती से ये सारे रुकावटे खत्म हो जाती है।
- नौकरी या पढ़ाई – आरती करने से नौकरी, पढ़ाई और उद्योग में सफलता मिलती है।
- स्वास्थ्य – पूजा आरती करने से ग्रहों की दशा ठीक हो जाते हैं जिससे स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानिया खत्म हो जाती हैं।
FAQ
पूजा आरती कब करनी चाहिए ?
सिर्फ सुबह के समय में करना चाहिए।
इनकी आरती के बाद किसकी पूजा करनी चाहिए ?
सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए।
क्या यह की पूजा सबसे भिन्न होती है ?
हां इसकी पूजा देवी -देवताओं की पूजा से अलग होती है।
क्या यह पूजा मंदिर में करना चाहिए ?
नहीं मंदिर में नहीं करनी चाहिए।
इस आरती का क्या महत्व है ?
आरती करने से सभी ग्रहों की पूजा एक साथ हो जाती है, अलग ग्रह के लिए अलग से पूजा नहीं करनी पड़ती।
क्या यह पूजा घर में कर सकते हैं ?
हां ये पूजा आरती घर में कर सकते हैं।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.