ना कर्म से मिला ना अधिकार से मिला

ना कर्म से मिला, ना अधिकार से मिला भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान की कृपा और आशीर्वाद न तो केवल कर्म से मिलते हैं, न ही अधिकार से, बल्कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा से मिलते हैं। यह भजन भक्ति मार्ग की महिमा का वर्णन करता है और बताता है कि जब इंसान निष्काम भाव से प्रभु की भक्ति करता है, तो ईश्वर स्वयं उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं। यह भजन हमें अहंकार से दूर रहने और भगवान की भक्ति में लीन रहने की प्रेरणा देता है।

Na Karm Se Mila Na Adhikar Se Mila

ना कर्म से मिला, ना अधिकार से मिला।
ना ही कुछ मुझे, तेरे संसार से मिला।
मैंने जो भी पाया, अपनी जिंदगी में,
वो मुझे बाबा, तेरे दरबार से मिला॥

याद आता है मेरा गुजरा जमाना,
मेरा वो दर बदर की ठोकरे खाना।
हाथ भी फैलाए सबके सामने मगर,
हाथ भी फैलाए सबके सामने मगर।

ना यार से मिला, ना रिश्तेदार से मिला।
करम से मिला, ना अधिकार से मिला।
ना ही कुछ मुझे, तेरे संसार से मिला॥

हार के आया बाबा तेरे धाम पे,
झोली फैलाई जब तुम्हारे सामने।
छोटी पड़ गई थी झोली इस गरीब की,
छोटी पड़ गई थी झोली इस गरीब की।

क्या कहूं मैं इतना, तेरे द्वार से मिला,
करम से मिला, ना अधिकार से मिला,
ना ही कुछ मुझे, तेरे संसार से मिला॥

बात ना धन की है ना शोहरत की है,
बात ‘सोनू’ ये दिल की चाहत की है।
जीतने वालों ने भी पाया नहीं कभी,
जीतने वालों ने भी पाया नहीं कभी।

सुख मुझे वो तेरे, दर पे हार के मिला।
करम से मिला, ना अधिकार से मिला।
ना ही कुछ मुझे, तेरे संसार से मिला॥

ना कर्म से मिला, ना अधिकार से मिला।
ना ही कुछ मुझे, तेरे संसार से मिला।
मैंने जो भी पाया, अपनी जिंदगी में।
वो मुझे बाबा, तेरे दरबार से मिला॥

ईश्वर की कृपा पाने के लिए न धन, न पद, न प्रतिष्ठा की आवश्यकता होती है, बल्कि निर्मल हृदय और सच्चे प्रेम की जरूरत होती है। Na Karm Se Mila Na Adhikar Se Mila भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम निष्काम भाव से प्रभु की भक्ति करते हैं, उनके प्रति पूर्ण समर्पण रखते हैं, तब हमें वह सब कुछ मिल जाता है, जो हमने कभी सोचा भी नहीं होता। साथ ही इनके प्रति अपनी भक्ति को और भी गहरा करने के लिए मेरे हृदय में हर पल बिराजे झांकी सियाराम की, हनुमत कोटि कोटि प्रणाम, राम प्रभु पे विपदा आई जल्दी आओ ना जैसे अन्य भजनों को भी करें।

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