मुरुगन गायत्री मंत्र: कार्तिकेय की कृपा पाने का दिव्य साधन

भगवान मुरुगन जिन्हें कार्तिकेय, स्कंद या सुब्रमण्यम के नाम से जाना जाता है। मुरुगन गायत्री मंत्र इनके आराधना का अत्यंत पवित्र माध्यम है। ये शक्ति और विजय के देवता हैं। इनकी उपासना दक्षिण भारत में विशेष रूप से की जाती है। यह मंत्र साधक को शक्ति, साहस और आत्मबल प्रदान करता है। Murugan Gayatri Mantra का नियमित जाप जीवन में सफलता और शांति लाता है।

Murugan Gayatri Mantra Lyrics

॥ ओम् कार्तिकेयाय विद्महे वल्लीनाथाय धीमहि, तन्नः स्कंदः प्रचोदयात्॥

मंत्र का अर्थ: हम उस महान योद्धा भगवान मुरुगन को जानें, जो महासेन हैं। हम उनके तेजस्वी स्वरूप का ध्यान करें। वह शक्ति हमें सद्बुद्धि प्रदान करें।

Murugan Gayatri Mantra Lyrics॥ ओम् कार्तिकेयाय विद्महे वल्लीनाथाय धीमहि, तन्नः स्कंदः प्रचोदयात्॥

मुरुगन गायत्री मंत्र साधक को आत्मबल, ज्ञान और जीवन की बाधाओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। यदि आप अन्य देवताओं के गायत्री मंत्रों की खोज में हैं, तो शिव गायत्री मंत्र, गणपति गायत्री मंत्र और कृष्ण गायत्री मंत्र से संबंधित हमारे विस्तृत लेख भी अवश्य पढ़ें।

Kartikeya Gayatri Mantra के जाप की विधि

  1. उचित समय: प्रातःकाल और संध्या काल मुरुगन मंत्र जाप के लिए उत्तम माने जाते हैं। विशेष रूप से मंगलवार और शुक्रवार को जाप करने से अधिक फल मिलता है।
  2. दिशा चयन: लाल या पीले आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। शरीर और मन दोनों को स्थिर रखें।
  3. पूजन सामग्री: भगवान मुरुगन की मूर्ति या फोटो, दीपक, पुष्प, चंदन, नारियल, और कुमकुम आवश्यक सामग्री में शामिल हों।
  4. मंत्र का जाप: इस मंत्र का 108 बार या अपनी श्रद्धा अनुसार जाप करें। हर जाप में भगवान मुरुगन की छवि को ध्यान में रखें।
  5. जाप का समापन: मंत्र जप पूर्ण होने के पश्चात भगवान को पुष्प अर्पित करें और “वेल वेल मुरुगन” का नाम सुमिरन करें। भोग में मीठा या पंचामृत अर्पित करें।

FAQ

क्या इस मंत्र को बिना दीक्षा के जपा जा सकता है?

हाँ, श्रद्धा और शुद्ध भाव से कोई भी व्यक्ति इसका जाप कर सकता है।

क्या महिलाएं इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?

इस मंत्र का जाप किसके लिए लाभकारी है?

क्या यह मंत्र बच्चों के लिए भी प्रभावशाली है?

क्या यह मंत्र दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है?

Leave a comment