मेरी माँ आ जाती मेरे सामने – भजन लिरिक्स

जब माँ अपनी दिव्य उपस्थिति से भक्तों के जीवन में आ जाती हैं, तो हर चीज़ की सुंदरता और सार्थकता बढ़ जाती है। मेरी माँ आ जाती मेरे सामने भजन में भक्त अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ माँ की उपस्थिति को महसूस करता है, जैसे कि माँ स्वयं अपने भक्त के पास आकर उसकी रक्षा करती हैं।

Meri Maa Aa Jati Mere Samane

हरपल हर दिन पूजूँ माँ को,
कितना पावन रूप है,
माँ के आँचल की छावों में,
लगती कभी ना धुप है,
जब जब भी माँ को पुकारूँ मैं,
मूरत को इसकी निहारूं मैं,
मेरी माँ आ जाती मेरे सामने,
ओ मेरी मां आ जाती मेरे सामने।1।

खुश हो जाए जब ये मैया,
सोया भाग्य जगा देती,
हाथ पकड़ के बिच भंवर से,
नैया पार लगा देती,
जब आरती इसकी उतारूं मैं,
मूरत को इसकी निहारूं मैं,
मेरी मां आ जाती मेरे सामने,
ओ मेरी मां आ जाती मेरे सामने।2।

जब मैं कहीं पर ठोकर खाऊं,
मैया बांह पकड़ लेती,
जीवन की मुश्किल घड़ियों में,
मैया सहारा दे देती,
मैया के चरण पखारूँ मैं,
मूरत को इसकी निहारूं मैं,
मेरी मां आ जाती मेरे सामने,
ओ मेरी मां आ जाती मेरे सामने।3।

जब भी मुझको नींद ना आए,
मैया झूला झुलाती है,
ममता बारिश करती माँ,
लोरी हमें सुनाती है,
माँ का ऋण कैसे चुकाऊं मैं,
मूरत को इसकी निहारूं मैं,
मेरी मां आ जाती मेरे सामने,
ओ मेरी मां आ जाती मेरे सामने।4।

हरपल हर दिन पूजूँ माँ को,
कितना पावन रूप है,
माँ के आँचल की छावों में,
लगती कभी ना धुप है,
जब जब भी माँ को पुकारूँ मैं,
मूरत को इसकी निहारूं मैं,
मेरी माँ आ जाती मेरे सामने,
ओ मेरी मां आ जाती मेरे सामने।5।

माँ की उपस्थिति से जीवन में आने वाला हर संकट समाप्त हो जाता है, और हर दिशा में शांति और सुख का संचार होता है। “मेरी माँ आ जाती मेरे सामने” भजन भक्तों को माँ की महिमा और शक्ति का एहसास कराता है, और यह विश्वास दिलाता है कि माँ हर समय अपने भक्तों के पास होती हैं, चाहे वह भौतिक रूप से दिखाई दे या न दिखाई दे। इस भजन से प्राप्त होने वाली शांति और आशीर्वाद के साथ, आप “दुर्गा जी के मंदिर में गूंज रही जयकार” भजन भी सुन सकते हैं, जो माँ की शक्तियों और उनकी दिव्यता को और भी गहराई से अनुभव कराता है।

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