Mata Parvati aarti | माता पार्वती आरती : आध्यात्मिक शांति

माता पार्वती आरती देवी की आराधना का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसे भक्तगण विशेष रूप से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गाते हैं। माता पार्वती, जिन्हें शक्ति, गौरी और अन्नपूर्णा के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं और संपूर्ण सृष्टि की आदिशक्ति मानी जाती हैं। Mata Parvati aarti करने से माता का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहता है इसके साथ ही आप Om Jai Shiv Omkara आरती का पाठ करके भगवान शिव की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं।

इस आरती के माध्यम से माता पार्वती की महिमा का गुणगान किया जाता है, और भक्तगण यह विश्वास करते हैं कि इसे गाने से माता पार्वती उनके जीवन की सभी बाधाओं को दूर करती हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। माता पार्वती की आरती के शब्द सरल होते हैं, जिसे कोई भी आसानी से गा सकता है और इसके माध्यम से देवी की असीम कृपा प्राप्त कर सकता है। हमने आपके लिए माता पर्वती जी की सम्पूर्ण आरती को नीचे उपलब्ध कराया है जो कुछ इस प्रकार से है –

माता पार्वती आरती

जय पार्वती माता जय पार्वती माता,
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता।

जय पार्वती माता

अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता।

जय पार्वती माता

सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा,
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा।

जय पार्वती माता

सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता।

जय पार्वती माता

शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा।

जय पार्वती माता

सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता।

जय पार्वती माता

देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता।

जय पार्वती माता

श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता,
सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता।

जय पार्वती माता

यहाँ माता पार्वती के साथ- साथ Shiv Bhajan, Shiv Stuti और Shiv Panchakshar Stotra भी उपलब्ध कराये गयें हैं जो आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं।

Mata Parvati aarti करने की विधि 

  1. स्नान – माँ पार्वती की पूजा करने से पहले आप स्नान करके साफ कपड़े पहने। 
  2. स्थान: पूजा स्थान को गंगाजल से साफ कर ले। यदि आपके पास गंगाजल नहीं है तो आप साफ पानी का प्रयोग भी कर सकते है।
  3. मूर्ति की स्थापना – अब आप माँ गौरी और शंकर भगवान की प्रतिमा को स्थापित करें। याद रखे प्रतिमा की स्थापना के समय माँ गौरी को बाये तरफ रखे। 
  4. अर्पित करें – माता को हल्दी, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, धूप, फूल, माला और बेलपत्र अवश्य चढ़ाये। 
  5. प्रसाद चढ़ाये – माँ पार्वती की मन पसंद प्रसाद जैसे मालपुआ चढ़ाये। 
  6. आरती – आप गाय के घी से दिया जलाकर माता पार्वती की आरती करें। आरती को माता के प्रतिमा के सामने चारों तरफ घुमाएं और आरती का पाठ करें।
  7. ताली और घंटी: आरती करते समय आप ताली और घंटी भी बजा सकती है।
  8. प्रसाद वितरण: आरती समाप्त होने पर सभी लोगो को प्रसाद दें।
  9. आशीर्वाद – पूजा के अंत में माता से आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना करें। 

आरती करने के लाभ –

  • अच्छा वर – माता पार्वती की जो भी लड़की पूजा करती है उन्हें अच्छा पति मिलता है। 
  • पति की लम्बी उम्र – माँ गौरी की तीज के दिन व्रत व आरती करने पर पति की उम्र लम्बी होती है। 
  • सुहागन – इनकी आरती करने से शादीशुदा महिलाओं को सुहागन होने का आशीर्वाद मिलता है। 
  • स्वास्थ्य – माँ की आरती करने से आप की सेहत अच्छी रहती है। 
  • आदिशक्ति – माँ एक आदिशक्ति की रूप है तो इनकी आरती करने से आपके के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। 
  • रिश्तों में प्यार – माता की आरती करने से रिश्तों के बिच से कड़वाहट खत्म होती है। 
  • मानसिक शांति– आरती से जीवन की सभी चिंताए और परेशानिया दूर होती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
  • कार्यों में सफलता – इनकी आरती व पूजा करने से आप के सभी कार्य सफल होते हैं। 
  • बुरी शक्ति से मुक्ति – माता की आरती स सभी प्रकार के बुरी शक्तियों का नाश होता है जिससे हमारी सुरक्षा होती है।

FAQ

इस आरती को कब करना चाहिए ?

आप इनकी पूजा प्रतिदिन कर सकते हैं और खास त्यौहार जैसे तीज के दिन। 

माता पार्वती की आरती किसको करनी चाहिए ?

शादी में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए ?

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