Maruti Stotra in Hindi | मारुती स्तोत्र हिंदी में : एक आध्यात्मिक भक्ति पाठ

मारुती स्तोत्र हिंदी में उपलब्ध एक पारंपरिक और धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान हनुमान के गुणों का बखान करता है। इसमें हनुमान जी के चमत्कारों, तपस्या, और राम के प्रति उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र में एक अलग ही भक्तिभाव और भगवान के प्रति श्रद्धा दिखाई देती है। मारुती स्तोत्र भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और भक्तों को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

इस स्तोत्र को समर्थ गुरु रामदस जी ने लिखा था। इस स्तोत्र का पाठ करके भक्त हनुमान जी की कृपा प्राप्त करते है और अपने जीवन की सारी विपदाओं और परेशानियों से छुटकारा पातें है। ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति 1100 बार इस स्तोत्र का पाठ करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। हमने आपके लिए Maruti Stotra in Hindi में नीचे विस्तार से उपलब्ध कराया है।

मारुती स्तोत्र

भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती,
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ॥1॥

महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें,
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ॥2॥

दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा,
पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ॥3॥

लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना,
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ॥4॥

ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें,
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ॥5॥

ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती,
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ॥6॥

पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं,
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ॥7॥

ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू,
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ॥8॥

कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे,
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ॥9॥

आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती,
नासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ॥10॥

अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे,
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ॥11॥

ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके,
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ॥12॥

आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा,
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ॥13॥

धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही,
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ॥14॥

भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही,
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ॥15॥

हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी,
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ॥16॥

रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण,
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ॥17॥

॥इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

इसके अलावा आप Hanuman Chalisa Bhajan, Hanuman vadvanal stotra और Shri hanuman ashtak का पाठ भी कर सकते है और इससे होने वाले लाभ को प्राप्त कर सकते है

मारुती स्तोत्र हिंदी में करने की विधि

  1. शुद्धि: स्तोत्र करने से पहले, स्थान साफ करें। और खुद भी स्नान करके साफ -सुथरे वस्त्र पहने। 
  2. आचमन: साफ जल से हाथों को धोकर पूजा स्थान का आचमन करें।
  3. संकल्प: मन में यह संकल्प लें की पाठ करते समय आपका मन शांत और स्थिर रहे। 
  4. ध्यान: हनुमान जी की पूजा से पहले मन में ध्यान लगाएं जिससे आप मारुती भगवान की पूजा बिना किसी बाधा के कर सके।
  5. स्तोत्र का पाठ: मारुती स्तोत्र’ का पाठ पूरी भक्तिभाव और ध्यान के साथ करें। स्तोत्र में लिखे शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट रूप से करें और महत्वपूर्ण तथ्यों के अर्थ समझने का प्रयास करें।
  6. आरती: मारुती स्तोत्र का ध्यान खत्म करने के बाद, आरती करे और फूलों से पुष्पांजलि अर्पित करें।
  7. प्रसाद वितरण: आरती के बाद सभी लोगो को प्रसाद दें और खुद भी ग्रहण करें।
  8. प्रार्थना और धन्यवाद: पाठ के अंत में आप भगवान हनुमान से प्रार्थना करे की उनकी कृपा सदा आप पर बनी रहे और उन्हें सच्ची श्रद्धा तथा दिल से धन्यवाद करें। 

स्तोत्र का पाठ करने के लाभ

  • आत्मिक शक्ति: मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हमारा आत्मिक शक्ति बढ़ता है। जिससे हम अपनी अंतरात्मा से जुड़ पाते हैं और हमारा मन हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है।
  • भक्ति और श्रद्धा: इसका पाठ करने से भक्ति और श्रद्धा में हमारा विश्वास बढ़ता है, जिसकी वजह से हनुमान जी के प्रति हमारा प्रेम और आस्था और अधिक बढ़ता जाता है।
  • मानसिक शांति: इस स्तोत्र का पाठ करने से मन को शांति मिलती है जिससे चिंता और तनाव खत्म होने लगता है।
  • रोग निवारण: मारुती स्तोत्र का नियमित पाठ करने से रोग और बीमारियों का नाश होता है। हनुमान जी की सच्ची भक्ति और आशीर्वाद के द्वारा रोगी के स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है।
  • कष्ट: इसका पाठ करने से जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है और बदलती परिस्थितियों में हमे भगवान मारुती का सहारा मिलता है। 
  • शत्रु नाश: मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हमारे शत्रुओं का नाश होता है औरहमे एक सुरक्षित और भयमुक्त जीवन की प्राप्ति होती है।

FAQ

मारुती स्तोत्र क्या है और इसका महत्व क्या है ?

मारुती स्तोत्र एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान हनुमान के गुणों का गान करता है। मारुती स्तोत्र का पाठ भक्ति और आध्यात्म की  उन्नति की में सहायता प्रदान करता  है।

क्या इसे नियमित रूप से करना चाहिए?

क्या Maruti Stotra in Hindi को किसी और भाषा में भी प्राप्त किया जा सकता है ?

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