ॐ गुरुदेवाय विद्महे, परब्रह्माय धीमहि। तन्नो गुरुः प्रचोदयात ॥

गुरु गायत्री मंत्र | Guru Gayatri Mantra : ज्ञान की प्राप्ति

गुरु गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में ज्ञान और ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे व्यक्ति अध्यात्म को समझने लगता है और अध्यात्म को उन्नति की ओर ले जाता है। Guru gayatri mantra का जाप आत्मा को आध्यात्मिक संजीवनी शक्ति से भर देता है, जिससे व्यक्ति का आध्यात्मिक शक्ति और सफर हमेशा आगे बढ़ता … Read more

ओम् कात्यान्ये च विद्मिहे कन्याकुमार्ये धीमहि, तन्नो: देवी  प्रचोदयात। ओम् गिरिजायये  विद्मिहे शिवप्रियाये धीमहि, तन्नो: दुर्गा  प्रचोदयात।

दुर्गा गायत्री मंत्र | Durga Gayatri Mantra : सुख-शांति

दुर्गा गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अंतरात्मा से जुड़ने की शक्ति, साहस, और समर्पण की भावना मिलती है। यदि आप दुर्गा माता के प्रति भक्ति और श्रद्धा रखते हैं, तो Durga Gayatri Mantra का जाप करने से आपके जीवन में सुख-शांति ,साहस और समृद्धि बनी रहेगी है। माता रानी नारी शक्ति का प्रतीक … Read more

Kartavirya Arjuna Mantra कार्तवीर्यार्जुनॊनाम राजाबाहुसहस्रवान् ... तस्यस्मरण मात्रॆण गतम् नष्टम् च लभ्यतॆ !! कार्तवीर्यह:खलद्वॆशीकृत वीर्यॊसुतॊबली ... सहस्र बाहु:शत्रुघ्नॊ रक्तवास धनुर्धर: !! रक्तगन्थॊ रक्तमाल्यॊ राजास्मर्तुरभीश्टद:... द्वादशैतानि नामानि कातवीर्यस्य य: पठॆत् !! सम्पदस्तत्र जायन्तॆ जनस्तत्रवशन्गतह:... आनयत्याशु दूर्स्थम् क्षॆम लाभयुतम् प्रियम् !! सहस्रबाहुम् महितम् सशरम् सचापम्... रक्ताम्बरम् विविध रक्तकिरीट भूषम् !! चॊरादि दुष्ट भयनाशन मिश्टदन्तम्... ध्यायॆनामहाबलविजृम्भित कार्तवीर्यम् !! यस्य स्मरण मात्रॆण सर्वदु:खक्षयॊ भवॆत्... यन्नामानि महावीरस्चार्जुनह:कृतवीर्यवान् !! हैहयाधिपतॆ: स्तॊत्रम् सहस्रावृत्तिकारितम्... वाचितार्थप्रदम् नृणम् स्वराज्यम् सुक्रुतम् यदि !! ॥ इति श्री कार्तवीर्यार्जुन स्त्रोत द्वादश नामस्तॊत्रम् सम्पूर्णम् !!

Kartavirya Arjuna Mantra | कार्तवीर्य अर्जुन: वीरता

कार्तवीर्य अर्जुन, हिन्दू पौराणिक ग्रंथ ‘महाभारत’ में एक महत्वपूर्ण पात्र है। महाभारत में इनके  सौर्य गाथा का वर्णन हुआ है।कार्तवीर्य अर्जुन का चरित्र महाभारत में सहस्रबाहु और धार्मिक पुरुष के रूप में दर्शाया गया है। अर्जुन के बहादुरी और वीरता के कारण वे कार्तवीर्य अर्जुन के नाम से प्रसिद्ध हुए।Kartavirya Arjuna Mantra आपके लिए उपलब्ध … Read more

bajrang baan दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान ! तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ चौपाई जय हनुमन्त सन्त हितकारी ! सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ जन के काज विलम्ब न कीजै ! आतुर दौरि महासुख दीजै ॥ जैसे कूदि सिन्धु महि पारा ! सुरसा बदन पैठि विस्तारा ॥ आगे जाई लंकिनी रोका ! मारेहु लात गई सुर लोका ॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा ! सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥ बाग उजारि सिन्धु महँ बोरा ! अति आतुर जमकातर तोरा ॥ अक्षयकुमार को मारि संहारा ! लूम लपेट लंक को जारा ॥ लाह समान लंक जरि गई ! जय जय धुनि सुरपुर में भई ॥ अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ! कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥ जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ! आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥ जै गिरिधर जै जै सुखसागर ! सुर समूह समरथ भटनागर ॥ ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले ! बैरिहिं मारु बज्र की कीले ॥ गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ! महाराज प्रभु दास उबारो ॥ ऊँकार हुंकार प्रभु धावो ! बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥ ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा ! ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥ सत्य होहु हरि शपथ पाय के ! रामदूत धरु मारु जाय के ॥ जय जय जय हनुमन्त अगाधा ! दुःख पावत जन केहि अपराधा ॥ पूजा जप तप नेम अचारा ! नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ॥ वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं ! तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥ पांय परों कर ज़ोरि मनावौं ! यहि अवसर अब केहि गोहरावौं॥ जय अंजनिकुमार बलवन्ता ! शंकरसुवन वीर हनुमन्ता ॥ बदन कराल काल कुल घालक ! राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥ भूत प्रेत पिशाच निशाचर ! अग्नि बेताल काल मारी मर ॥ इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की ! राखु नाथ मरजाद नाम की ॥ जनकसुता हरिदास कहावौ ! ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥ जय जय जय धुनि होत अकाशा ! सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥ चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ ! यहि अवसर अब केहि गोहरावौं॥ उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई ! पांय परों कर ज़ोरि मनाई॥ ॐ चं चं चं चं चपत चलंता ! ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥ ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल ! ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल॥ अपने जन को तुरत उबारो ! सुमिरत होय आनन्द हमारो॥ यह बजरंग बाण जेहि मारै ! ताहि कहो फिर कौन उबारै॥ पाठ करै बजरंग बाण की ! हनुमत रक्षा करै प्राण की॥ यह बजरंग बाण जो जापै ! ताते भूत प्रेत सब काँपै ॥ धूप देय अरु जपै हमेशा ! ताके तन नहिं रहै कलेशा॥ दोहा ॥ प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ॥ ॥ तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान॥

बजरंग बाण | Bajrang Baan : हनुमान जी की कृपा

बजरंग बाण, एक बहुत शक्तिशाली आध्यात्मिक और प्राचीन मंत्र है जो हिन्दू धर्म में खास महत्व रखता है। इस मंत्र का उपयोग भक्त अपनी सुरक्षा, सुख, और समृद्धि के लिए करते हैं। इस Bajrang baan का जाप करने से भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। हमने यहाँ आपके सुविधा के लिए … Read more