बृहस्पति विनियोगा मंत्र बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए उच्चारित किया जाता है। Brihaspati Viniyoga Mantra देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे प्रभावी साधन माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति कमजोर या पीड़ित अवस्था में हो, तो इस मंत्र का नियमित जाप करने से ग्रह दोषों का निवारण संभव है। यह मंत्र कुछ इस प्रकार से है-
Brihaspati Viniyoga Mantra
ॐ अस्य बृहस्पति नम:॥१॥
अर्थ- ॐ के साथ, बृहस्पति देव को मेरा नमस्कार है।
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम:॥२॥
अर्थ- अनुष्टुप छंद,
जो वैदिक ज्ञान की लयबद्ध ध्वनि है,
उसे मेरा श्रद्धापूर्ण नमन।
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम:॥३॥
अर्थ- देवताओं के गुरु,
धर्म और ज्ञान के आचार्य बृहस्पति देव को मेरा सादर नमन।
ॐ बृं बीजाय नम:॥४॥
अर्थ- बृहस्पति देव के पावन बीज मंत्र ‘बृं’,
जो उनकी दिव्य ऊर्जा और ज्ञान का स्रोत है,
उसे मेरा नमन।
ॐ शक्तये नम:॥५॥
अर्थ- बृहस्पति देव की अनंत और दिव्य शक्ति को मेरा सादर नमन।
ॐ विनियोगाय नम:॥६॥
अर्थ- इस मंत्र के विनियोग (उपयोग) को,
जो बृहस्पति देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए समर्पित है,
उसे मेरा नमन।
बृहस्पति विनियोगा मंत्र का जाप न केवल ज्योतिषीय समस्याओं को हल करने में सहायक है, बल्कि यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है। विशेष रूप से छात्र, अध्यापक और आध्यात्मिक साधक इस मंत्र के माध्यम से ज्ञान और विवेक में वृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त
- वार: गुरुवार को इस मंत्र का जाप करना अत्यधिक शुभ होता है।
- नक्षत्र: पुनर्वसु, विशाखा या पुष्य नक्षत्र में जाप करने का विशेष महत्व है।
- तिथि: शुक्ल पक्ष की तिथियां अनुकूल मानी जाती हैं।
- समय: प्रातःकाल या ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे तक) सबसे उत्तम होता है।
जाप करने की विस्तृत विधि
मंत्र जाप करने की विधि सभी स्थानों पर एक समान नहीं होती है इसलिए आप अपनी विधि के अनुसार भी मंत्र का जाप कर सकते है। यहां हमने जाप करने के लिए एक सामान्य विधि को उपलब्ध कराया है जो इस प्रकार से है-
- स्थान का चयन: सबसे पहले किसी स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें। पूजा कक्ष या मंदिर का स्थान सर्वोत्तम रहेगा।
- स्नान: जाप से पूर्व स्नान कर शुद्ध हो जाएं। मानसिक और शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें।
- वस्त्र: पीले रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि पीला रंग बृहस्पति देव का प्रतीक है।
- आसन: पीले कपड़े का आसन या कुशासन पर बैठें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
- संकल्प: बृहस्पति देव को ध्यान में रखते हुए संकल्प लें कि आप उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए यह जाप कर रहे हैं।
- दीपक और धूप: गाय के घी का दीपक जलाएं और सुगंधित धूप अर्पित करें और साथ ही पूजा के दौरान बृहस्पति देव को दूर्वा, पीले पुष्प और चने की दाल अर्पित करें।
- माला का उपयोग: हल्दी की माला या रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें और 108 बार (1 माला) मंत्र का जाप करें। जाप के दौरान माला को गोमुखी या कपड़े से ढककर रखें।
- ध्यान और भाव: बृहस्पति देव का ध्यान करें और उनके स्वरूप की कल्पना करते हुए Brihaspati Viniyoga Mantra का उच्चारण करें। शांत मन से एकाग्रचित्त होकर जाप करें।
- समापन: मंत्र जाप पूरा होने के बाद पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें और दीपक और धूपको किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें।
मंत्र जाप के निम्नलिखित लाभ
यह मंत्र गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त करने और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। जो व्यक्ति इस मंत्र का श्रद्धा और नियमितता से जाप करता है, उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और सुख-शांति बनी रहती है।
- याददाश्त वृद्धि – इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शक्ति बढ़ती है, याददाश्त तेज होती है और निर्णय क्षमता मजबूत होती है। विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है और उसे सही मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
- दांपत्य जीवन – जिन व्यक्तियों को विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी होता है। यह विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने में सहायक है।
- आर्थिक समृद्धि– बृहस्पति को धन, समृद्धि और भाग्य का कारक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से नौकरी और व्यवसाय में उन्नति होती है और आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं।
- स्वास्थ्य लाभ– इस मंत्र का जाप मानसिक शांति और तनाव मुक्ति प्रदान करता है, जिससे शरीर और मन स्वस्थ रहते हैं। यह विशेष रूप से लिवर, पाचन तंत्र और मोटापा संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।
- शुभता का संचार – यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और शुभता को बढ़ाने में मदद करता है। इससे जीवन में नई संभावनाओं के द्वार खुलते हैं।
- सच्चे गुरु – यह मंत्र व्यक्ति को सच्चे गुरु के मार्गदर्शन में लाने में सहायक होता है, जिससे उसे सही दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
इसका नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और समृद्धि आती है। यह न केवल आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति प्रदान करता है, बल्कि भौतिक जीवन की बाधाओं को भी दूर करता है।
FAQ
इस मंत्र का जाप क्यों किया जाता है?
इस मंत्र का जाप बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने, बुद्धि को तेज करने और सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
इस मंत्र का जाप करने का सबसे शुभ दिन कौन सा होता है?
गुरुवार को बृहस्पति ग्रह का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है।
क्या बृहस्पति मंत्र के जाप के लिए कोई विशेष नियम हैं?
हाँ, मंत्र जाप के दौरान स्वच्छता बनाए रखना, पीले वस्त्र धारण करना, पीले फूल और चंदन अर्पित करना तथा शुद्ध मन से मंत्र जाप करना महत्वपूर्ण होता है।
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩