मांसा देवी, जिन्हें ‘मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी’ के रूप में जाना जाता है, श्रद्धालुओं के लिए अपार विश्वास और आस्था का प्रतीक हैं। मनसा देवी जी की आरती, एक आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा है, जिसमें भक्तजन अपने मन की शुद्धता और श्रद्धा के साथ देवी मां की स्तुति करते हैं। Mansa Devi Aarti न केवल देवी मां के प्रति आस्था व्यक्त करने का माध्यम है, बल्कि यह आत्मा को शांति और नई ऊर्जा प्रदान करती है।
इस आरती को सुनना और उसमें शामिल होना, एक अनोखा अनुभव है, जो हर भक्त के हृदय में भक्ति की गहराई को और भी सुदृढ़ कर देता है। आइये जानते हैं माता मनसा देवी की आरती करने की विधि जिसे लोग बहुत ही विधि -विधान से करते हैं।
Mansa Devi Aarti
ॐ जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता…
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
जरत्कारु मुनि पत्नी, तुम वासुकि भगिनी…
कश्यप की तुम कन्या, आस्तिक की माता ॥
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
गर्व धन्वन्तरि नाशिनी, हंशवाहिनी देवी…
सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत, सेवत नरनारी ॥
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
पर्वतवासिनी संकटनाशिनी, अक्षय धनदात्री…
पुत्र पौत्रादि प्रदायिनी, मनवांछित फलदात्री ॥
ॐ जय मनसा माता…
मनसा जी की आरती, जो कोई नर गाता…
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पाता ॥
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
इस आरती के साथ आप भगवान Shiv Aarti, Hanuman Ji Ki Aarti एवं Bhagwan Ganesh Ki Aarti का पाठ भी कर सकते हैं। जो आपके लिए लाभकारी हो सकता है, क्योंकि ऐसा मान जाता है की इन आरती का पाठ करने से देवी की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।
देवी की आरती करने की विधि
- स्नान – स्नान करके साफ वस्त्र पहने।
- स्वछता – उसके बाद पूजाघर और रसोई घर की सफाई कर ले।
- प्रसाद – आप प्रसाद के लिए हलवा व पूरी बना लें।
- अर्पित करे – देवी को धूप, फूल, रोली, अक्षत, कुमकुम इत्यादि चढ़ाये।
- भोग लगाए – माता को सबसे पहले दूध, लावा और बाद में हलवा पूरी का भोग लगाए।
- ध्यान – अब माता का ध्यान करें।
- आरती – इसके बाद माता की दिल से आरती करें।
- आशीर्वाद – माता से अपने जीवन की रक्षा के लिए आशीर्वाद मांगे।
माता की आरती करने के लाभ
- विष से रक्षा – आरती करने से वे हमारी किसी भी प्रकार की विष से रक्षा करती हैं।
- रोगो से रक्षा – हमारी चेचक जैसी रोगों से रक्षा से होती है।
- नकारात्मक शक्ति – नकारात्मक शक्ति से हमारी रक्षा होती है।
- कार्लसर्प, नागदोष – माता की आरती करने से कार्लसर्प और नागदोष से हमारी रक्षा करती हैं।
- मनोकामना – माता की आरती करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
FAQ
मनसा देवी माता की पूजा कब की जाती है ?
इनकी पूजा नागपंचमी के दिन की जाती है।
देवी माता के मंदिर के पास सती का कौन सा भाग गिरा था ?
माता के पास सती के सीर का आगे का भाग गिरा था।
देवी की पूजा किसको करनी चाहिए ?
इनकी पूजा सभी को करनी चाहिए क्युकि ये नाग की देवी की पूजा होती है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.