मैं ता तेरे कोलो महारानी कई होर भी कम कराने ने

भक्त और माँ के बीच का प्रेम इतना गहरा होता है कि भक्त हर छोटे-बड़े काम के लिए माँ से ही आस रखता है। मैं ता तेरे कोलो महारानी कई होर भी कम कराने ने भजन इसी विश्वास को प्रकट करता है, जहां भक्त माँ से न केवल अपनी परेशानियों का हल मांगता है बल्कि अपने जीवन की हर जरूरत को माँ के चरणों में अर्पित कर देता है। यह भजन माँ के प्रति अटूट श्रद्धा और उनके हर संकट को हरने वाली कृपा का सुंदर चित्रण करता है।

Main Ta Tere Kolo Maharani Kayi Hor Bhi Kam Karane ne

मैं ता तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने,
जो किते मेहरबानी ऐ,
पर ओता सब पुराने ने,
मैं तां तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने।1।

मुश्किल ते मुश्किल आंदी गई,
तू नालों नाल मिटा दी गई,
मैनु आस बड़ी मां तेरे ते,
मेरे दिन चंगे मां आने ने,
मैं तां तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने।2।

हर बेले लाज बचाई तू,
हर ओखे बेले आई तू,
मैं तेरा दबारा छोड़ना न‌ई,
अजे अबगुण क‌ई बक्शाने ने,
मैं तां तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने।3।

जो करना तुइयो करना ऐ,
मेरा हर संकट मां हरना ऐ,
दरशी ने आके दर तेरे,
दुःख अजे भी क‌ई सुनाने ने,
मैं तां तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने।4।

मैं किसे नाल भी घुलया न‌ई,
पर तेनु कदे मां पुलया न‌ई,
तुझ मेरी है मैं तेरा हां,
तुझ मेरे भाग जगाने ने,
मैं तां तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने।5।

मैं ता तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने,
जो किते मेहरबानी ऐ,
पर ओता सब पुराने ने,
मैं तां तेरे कोलो महारानी,
कई होर भी कम कराने ने।6।

माँ अपने भक्तों की पुकार सुनती हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। “मैं ता तेरे कोलो महारानी कई होर भी कम कराने ने” भजन इस भरोसे को और मजबूत करता है कि माँ की कृपा बिना मांगे भी बरसती है। अगर यह भजन आपको भक्ति भाव से भर देता है, तो “कभी फुर्सत हो तो जगदंबे निर्धन के घर भी आ जाना” भजन भी अवश्य सुनें, जिसमें माँ से भक्त की विनम्र प्रार्थना और उनका दयालु स्वभाव दर्शाया गया है।

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