शिखरजी तीर्थ जैन धर्म का सबसे पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है, जहाँ तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया। शिखरजी वाले पारस बाबा भजन हमें भगवान पार्श्वनाथ की महिमा का बखान करता है और उनके चरणों में भक्ति भाव प्रकट करने का अवसर देता है। यह भजन भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप का स्मरण कराते हुए, मोक्षपथ की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी पारस बाबा की महिमा का गुणगान करें।
Shikharji Wale Paras Baba
शिखरजी वाले पारस बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।1।
दोहा –
जमाने में कहाँ,
टूटी हुई तस्वीर बनती है,
तेरे दरबार में,
बिगड़ी हुई तकदीर बनती है।
तारीफ तेरी निकली है दिल से,
आई है लब पे बन के कवाली,
शिखरजी वाले पारस बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली,
लब पे दुआए आँखों में आंसू,
दिल में उम्मीदें पर झोली खाली,
शिखरजी वालें पारस बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।2।
ओ मेरे पारस देवा,
तेरे सब नाम लेवा,
जुदा इंसान सारे,
सभी तुझ को है प्यारे,
सुने फरियाद सब की,
तुझे है याद सब की,
अमीरों का सहारा,
गरीबो का गुजारा,
तेरी रहमत का किस्सा बयान,
अब हम करे क्या,
दो दिन की दुनिया,
दुनिया है गुलशन,
सब फूल कांटे,
तू सब का माली,
शिखरजी वालें पारस बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।3।
निराली शान तुझमें,
दिखे भगवान तुझमें,
तुझे सब मानते है,
तेरा दर जानते हैं,
चले आते है दौड़े,
जो खुशकिस्मत है थोड़े,
जिसे सब ने निकाला,
उसे तूने संभाला,
तू बिछड़ो को मिलाये,
बुझे दीपक जलाए,
ये गम की रातें,
राते ये काली,
इनको बनादे बाबा,
होली दीवाली,
शिखरजी वालें पारस बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।4।
जैन जी के भजन हमें भक्ति और आध्यात्मिकता की गहराई तक पहुँचाते हैं। शिखरजी वाले पारस बाबा भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम श्रद्धा और समर्पण से पारसनाथ प्रभु की शरण लेते हैं, तो उनकी कृपा से हमें आत्मिक शांति और मोक्ष मार्ग का ज्ञान प्राप्त होता है। यदि यह भजन आपके हृदय में भक्ति भाव उत्पन्न करे, तो हो गुरुवर प्यारे ये भक्त तुम्हारे दादागुरुदेव भजन, सुदर्शन मुनि प्यारे हमारे मन में भजन, पर्वो में पर्व पर्युषण न्यारा भजन, अर्हम वन्दो जय पारस देवा भजन जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और भक्ति की इस अनुभूति में रम जाएँ। 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏