शरणा आया जिनवाणी माँ जिनवाणी स्तुति लिरिक्स

जिनवाणी माँ की शरण में आकर ही आत्मा को सच्ची शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। शरणा आया जिनवाणी माँ भजन जिनागम की महिमा का गुणगान करता है, जो मोक्षमार्ग का प्रकाशपुंज है। यह भजन हमें सिखाता है कि जिनवाणी केवल शब्द नहीं, बल्कि आत्मा के कल्याण का द्वार है। आइए, इस भजन के माध्यम से जिनवाणी माँ की स्तुति करें और अपनी आत्मा को ज्ञान की राह पर आगे बढ़ाएं।

Sharana Aaya Jinvani Maa Jinvani Satuti Lyrics

शरणा आया जिनवाणी माँ,
बस इतना सा उपकार करो,
मेरा अनादि मिथ्यात्व हरो,
भव-वारिधि से उद्धार करो,
शरणा आया जिनवाणी मां।1।

षट द्रव्य, तत्व, गुण-पर्याएँ,
और लोकालोक बताया है,
इस देह से भिन्न में चेतन हूँ,
हमे भेद-ज्ञान सिखलाया है,
जड़ में बुद्धि अब जाए ना,
मिथ्या-मति का संहार करो,
शरणा आया जिनवाणी मां।2।

तीर्थंकर की तुम दिव्य-ध्वनि,
आचार्यों का तुम मंथन हो,
एकान्त-मती निस्तारक हो,
स्वादवाद-मयी तुम चिंतन हो,
मुझे कर्म लुटेरे लूट रहे,
हे माँ इनका प्रतिकार करो
शरणा आया जिनवाणी मां।3।

शरणा आया जिनवाणी माँ,
बस इतना सा उपकार करो,
मेरा अनादि मिथ्यात्व हरो,
भव-वारिधि से उद्धार करो,
शरणा आया जिनवाणी मां।4।

जैन जी के भजन हमें धर्म, ज्ञान और भक्ति का संदेश देते हैं। शरणा आया जिनवाणी माँ भजन भी जिनागम की महिमा को प्रकट करता है और हमें सच्चे मार्ग की ओर अग्रसर करता है। यदि यह भजन आपके हृदय को धर्ममय कर दे, तो आओ जी आओ गुरुदेव म्हारे आंगणा जैन भजन, दीक्षा दिवस हम सब गुरुवर का मिलके आज मनाये, देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर जैन भजन, मेरा दादा बड़ा मतवाला के नाकोड़ा विराजे रे जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और जिनवाणी माँ की कृपा प्राप्त करें। 🙏

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