भक्ति का सच्चा आनंद तब मिलता है जब भक्त और भगवान के बीच कोई दूरी न रहे। पट्ट खोल तू दर्श करा दे रे, नाकोड़ा भैरव भजन भक्तों की उस अटूट श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है, जिसमें वे नाकोड़ा भैरव दादा से अपने दिव्य दर्शन देने की प्रार्थना करते हैं। यह भजन हमें नाकोड़ा भैरव के प्रति अटूट आस्था रखने और उनके चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से भैरव दादा का स्मरण करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
Patt Khol Tu Darsh Kra De Re Nakoda Bhairv Bhajan Lyrics
पार्श्व प्रभु रो मुखड़ो दिखा दे,
भैरूजी रो मुखड़ो दिखादे,
पार्श्व प्रभु रो मुखड़ो दिखा दे,
भैरूजी रो मुखड़ो दिखादे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दर्श करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।1।
ऊँचा पर्वत ठंडी हवाओ,
नाकोड़ा जी ध्वज लहरावे रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।2।
मोर बोले मीठी बोली,
झीणी रेता चरणा चूमे रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।3।
सोनेरी किरणों रो सवेरो,
हरे जीवन रो अंधेरो रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।4।
घणा दिनों थी दर्शन कोनी,
तरसे यो मारो हिवड़ो रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।5।
दादा बिना मारो मनडो नी लागे,
झटपट म्हाने बुलादे रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।6।
नाकोड़ा दरबार विनवे,
भगता री आस पूरा दे रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।7।
‘संगी’ करे मनवार थोरी,
मारा नैना री तरस बुझादे रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।8।
पार्श्व प्रभु रो मुखड़ो दिखा दे,
भैरूजी रो मुखड़ो दिखादे,
पार्श्व प्रभु रो मुखड़ो दिखा दे,
भैरूजी रो मुखड़ो दिखादे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दर्श करा दे रे,
पुजारी नाकोड़ा वाले रे,
पट्ट खोल तू दरश करा दे रे।9।
जैन जी के भजन भक्ति की गहराइयों को छूते हैं और हमें नाकोड़ा भैरव की अपार महिमा का अनुभव कराते हैं। पट्ट खोल तू दर्श करा दे रे, नाकोड़ा भैरव भजन हमें भक्ति और श्रद्धा की उस अवस्था में ले जाता है, जहां सिर्फ दादा की कृपा ही सर्वोपरि होती है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति का संचार करे, तो भैरूजी रा मन्दिर माही मोटा घुँघरा बाजे, गुरु ज्ञान की ज्योत जगाय गयो – भजन, आओ नवकार का जाप हम करे, भैरव करो मेहर की नजरिया जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और अपनी श्रद्धा को और प्रगाढ़ करें। 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏