नाकोड़ा में भक्तो की टोली चली भजन लिरिक्स

भक्ति की राह पर जब भक्तों की टोली नाकोड़ा जी की ओर बढ़ती है, तो हर दिशा में श्रद्धा और उमंग का माहौल बन जाता है। नाकोड़ा में भक्तो की टोली चली भजन इसी भावनात्मक यात्रा का वर्णन करता है, जहां नाकोड़ा भैरव के प्रति अटूट श्रद्धा से भक्तजन उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। आइए, इस भजन के साथ हम भी नाकोड़ा भैरव की इस भक्तिमय यात्रा का हिस्सा बनें।

Nakona Me Bhakto Ki Toli Chali

भक्ति की देखो एक ज्योत जली,
नाकोड़ा में भक्तो की टोली चली,
नाकोडा में भक्तो की टोली चली।1।

गाँव गाँव और शहर शहर से,
भक्त आज निकले अपने घर से,
गली मोहल्लो से झूमती चली,
नाकोंडा में भक्तो की टोली चली।2।

भक्तो की टोली चलती ही जाती,
करते हुए दादा भैरव की भक्ति,
भक्ति की शक्ति जो इनको मिली,
नाकोंडा में भक्तो की टोली चली।3।

मेवानगर पहुँचे भक्त चलकर,
मस्ती में झूमे उठे दादा को देखकर,
दादा के चरणों मे शांति मिली,
नाकोंडा में भक्तो की टोली चली।4।

टुकलिया परिवार आया नाकोंडा दरबार में,
भैरव देव जैसा दानी देखा न संसार मे,
जाग्रति कहे ‘दिलबर’ किस्मत खुली,
नाकोंडा में भक्तो की टोली चली।5।

भक्ति की देखो एक ज्योत जली,
नाकोड़ा में भक्तो की टोली चली,
नाकोडा में भक्तो की टोली चली।6।

जैन जी के भजन हमें भक्ति और आस्था के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। नाकोड़ा में भक्तो की टोली चली भजन नाकोड़ा भैरव के भक्तों की अपार श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति की भावना को जाग्रत करे, तो भैरव देव आ जाते मेरे सामने भजन, गुरु ऋषभ की याद में आंखों से ये बरसे धारा, किस्मत पर नाज करूँ जिन कुशल गुरु जो मिले, शिखरजी वाले पारस बाबा जैन भजन जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और अपनी श्रद्धा को और प्रगाढ़ करें। 🙏

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