कांतिसुरी जी रा लाडला श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज

संतों और गुरुओं की महिमा अपार होती है, क्योंकि वे ही हमें धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। कांतिसुरी जी रा लाडला श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज भजन में श्री जिन मनोज्ञ सूरी जी की महानता और उनके दिव्य उपदेशों का गुणगान किया गया है। यह भजन हमें गुरुदेव के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और उनके मार्गदर्शन में चलने की प्रेरणा देता है। जब हम इस भजन को पढ़ते हैं, तो हमारे मन में गुरु भक्ति की भावना और अधिक प्रबल हो जाती है।

Kantisuri Ji Ra Ladala Shree Jeen Manogya Suri Gururaj

कांतिसुरी जी रा लाडला,
श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज,
थाने घणी खम्मा।1।

नन्दनी खुंदनी में जन्म लियो है,
छाजेड़ गोत्र उजवाल कियो है,
मिश्रीमल है सांसारिक नाम,
थाने घणी खम्मा।2।

देमी देवी रा नंदन प्यारा,
प्रताप सागर जी रा राज दुलारा,
लियो बालपने में संयम धार,
थाने घणी खम्मा।3।

आचार्य पद पर शोभता रे,
सूर्य समान जग में दीपता रे,
म्हारा गुरूवर पालनहार,
थाने घणी खम्मा।4।

जैन अजेंन रा लाडला गुरूवर,
परम उपकारी भक्तो रा ‘दिलबर’,
मुनि नयज्ञ रा आधार,
थाने घणी खम्मा।5।

कांतिसुरी जी रा लाडला,
श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज,
थाने घणी खम्मा।6।

जैन जी के भजनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे हमें भक्ति, श्रद्धा और गुरुभक्ति के पवित्र भावों से जोड़ते हैं। कांतिसुरी जी रा लाडला श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज भजन भी हमें गुरु की कृपा और उनके उपदेशों का महत्व समझाता है। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगा, तो “गुरु की महिमा अपरंपार, गुरुदेव का आशीर्वाद, श्री जिन चंद्रसूरी जी की स्तुति” और “जिनशासन के गौरव गुरुजी” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और गुरुभक्ति के इस पावन प्रवाह में डूब जाएं। 🙏

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