गुरु कृपा बरस गयी रे तक़दीर बदल गयी रे लिरिक्स

गुरु की कृपा जब बरसती है, तो जीवन में आध्यात्मिक प्रकाश फैल जाता है और भाग्य भी संवर जाता है। गुरु कृपा बरस गयी रे, तक़दीर बदल गयी रे भजन हमें यही संदेश देता है कि सच्चे गुरु का आशीर्वाद हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर धर्म, शांति और सच्चे आनंद के मार्ग पर ले जाता है। जब गुरु कृपा दृष्टि डालते हैं, तो हमारी तक़दीर भी नयी राह पकड़ लेती है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी गुरु के चरणों में वंदन करें।

Guru Kripa Baras Gayi Re Takadir Badal Gayi Re Lyrics

गुरु कृपा बरस गयी रे,
तक़दीर बदल गयी रे,
मेरे गुरु की ऐसी नज़र पड़ी,
तस्वीर बदल गयी रे।1।

मेरे गुरुवर ज्ञानी ध्यानी है,
सारा आगम पहचाने,
इन्हें काँच-कनक में समता है,
ये राग-द्वेष न जाने,
बढ़ रहे अनवरत मोक्ष-मार्ग पर,
मुक्ति-वधु को पाने,
वो लोग अभागे घर बैठे,
जो ऐसे गुरु न मानें,
गुरु-चरण छुए जब हाथों ने,
तो लकीर बदल गयी रे,
गुरु कृपा बरस गई रे,
तक़दीर बदल गयी रे,
मेरे गुरु की ऐसी नज़र पड़ी,
तस्वीर बदल गयी रे।2।

गुरु भेष दिगम्बर धारी है,
तन मन धन से वैरागी,
ये आप तिरे पर को तारे,
इन्हें मुक्ति-धूनी है लागी,
हर रस से नीरस रहते है,
हैं आत्म-तत्व अनुरागी,
ऐसे गुरुवर को पाकर के,
किस्मत अपनी है जागी,
गुरु-वचन सुने जब कानो ने,
तदबीर बदल गयी रे,
गुरु कृपा बरस गई रे,
तक़दीर बदल गयी रे,
मेरे गुरु की ऐसी नज़र पड़ी,
तस्वीर बदल गयी रे।3।

गुरु कृपा बरस गयी रे,
तक़दीर बदल गयी रे,
मेरे गुरु की ऐसी नज़र पड़ी,
तस्वीर बदल गयी रे।4।

जैन जी के भजन हमें गुरु की महिमा और उनके आशीर्वाद की महत्ता को समझाते हैं। गुरु कृपा बरस गयी रे, तक़दीर बदल गयी रे भजन हमें यह अनुभव कराता है कि सच्चे गुरु के सान्निध्य में हमारा जीवन सार्थक हो जाता है। यदि यह भजन आपके मन में श्रद्धा का संचार करे, तो पट्ट खोल तू दर्श करा दे रे – नाकोड़ा भैरव भजन, भैरूजी रा मन्दिर माही मोटा घुँघरा बाजे, गुरु ज्ञान की ज्योत जगाय गयो – भजन, आओ नवकार का जाप हम करे जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और गुरु भक्ति के इस दिव्य प्रवाह में स्वयं को समर्पित करें। 🙏

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