भगवान नेमीनाथ की भक्ति हमें मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर करती है। दे दो दर्शन प्रभु नेमीनाथ भजन भगवान के दिव्य स्वरूप, उनकी करुणा और कृपा का गुणगान करता है। इस भजन के माध्यम से हम प्रभु से उनके दर्शन की विनती करते हैं और उनकी शरण में जाने की अभिलाषा प्रकट करते हैं। जब भक्त सच्चे मन से प्रभु नेमीनाथ का स्मरण करते हैं, तो उनके जीवन में शांति, समर्पण और आत्मिक आनंद का संचार होता है। आइए, इस भजन को पढ़कर प्रभु नेमीनाथ की भक्ति में लीन हों।
De Do Darshan Prabhu Neminath Prabhu
दे दो दर्शन प्रभु नेमीनाथ प्रभु,
मन मेरा तेरे बिन कहीं लगता नहीं,
कोई तेरे सिवा मेरी सुनता नहीं,
भूल ऐसी भी ये मुझसे क्या हो गई,
दर पे दादा क्यों मुझको बुलाता नहीं,
अब तो ख्वाईशे बढ़ने लगी है,
तेरे दरश की आस जगी है,
जी ना लगे अब कहीं भी प्रभु,
दे दों दर्शन प्रभु नेमीनाथ प्रभु।1।
आयेगी कब वो बेला मिलन की,
प्रभु सामने जब तू होगा,
वो दिन इस जीवन का प्रभुवर,
सबसे अलग खास होगा,
फरियाद करु तुमको याद करु,
ध्यान तेरा मैं दिन और रात धरु,
सिवा तेरे कोई और दिखता नही,
हर ओर निराशा तेरी ही आशा,
पूरी करदो मन की ये अभिलाषा,
दुनिया में मेरा एक तू ही प्रभु,
दे दों दर्शन प्रभु नेमीनाथ प्रभु।2।
छाई उदासी तेरे दर्श बिन,
नैना बरस ही रहे है,
एक झलक पाने को तेरी,
कबसे तरस ही रहे है,
अब तो करदो प्रभु,
मेरी चिंता ये दूर,
दर पे बुलालो अब मुझे,
ओ मेरे हजूर,
सुनलो अब तो ये मेरी पुकार,
तुम बिन अब में किसको सुनाऊ,
हाले दिल अपना किसको बताऊँ,
‘दिलबर’ ये कहता है जोय प्रभु,
दे दों दर्शन प्रभु नेमीनाथ प्रभु।3।
मन मेरा तेरे बिन कहीं लगता नहीं,
कोई तेरे सिवा मेरी सुनता नहीं,
भूल ऐसी भी ये मुझसे क्या हो गई,
दर पे दादा क्यों मुझको बुलाता नहीं,
अब तो ख्वाईशे बढ़ने लगी है,
तेरे दरश की आस जगी है,
जी ना लगे अब कहीं भी प्रभु,
दे दों दर्शन प्रभु नेमीनाथ प्रभु।4।
जैन जी के भजन हमें भक्ति और आत्मशुद्धि की ओर प्रेरित करते हैं। दे दो दर्शन प्रभु नेमीनाथ भजन भी हमें प्रभु के चरणों में समर्पण करना सिखाता है। यदि यह भजन आपको भक्तिभाव से भर दे, तो स्थापना दिवस भैरव देव का नाकोडा भैरव भजन, अरिहंतो का ध्यान धरो निर्ग्रंथों का मान करो, ओ मेरे जिनवर हर घड़ी हर पहर भजन, मन मंदिर में बसा रखी है गुरु तस्वीर सलोनी जैन भजन जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और प्रभु भक्ति को और गहरा करें। जय नेमीनाथ भगवान! 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏