भैरव दादा तेरे सिवा कहो कौन हमारा है भजन भगवान भैरव जी के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। यह भजन भगवान भैरव के अद्वितीय आशीर्वाद की महिमा को प्रकट करता है, और भक्त अपने हृदय से भैरव जी से सहायता और आशीर्वाद की प्रार्थना करता है। इस भजन में यह भाव है कि भैरव जी के अलावा और कोई नहीं है जो भक्त के दुखों को दूर कर सके। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भगवान भैरव के दरबार में अपनी श्रद्धा और आस्था अर्पित करें।
Bhairv Dada Tere Siva Kaho Kaun Hmara Hai
दोहा –
जितना दिया मेरे दादा ने,
उतनी मेरी औकात नही,
ये तो करम है मेरे दादा का,
वरना मुझमे ऐसी कोई बात नही।
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है,
तूने ही तो लाखों का,
जीवन ये सँवारा है,
मझधार में नैया है,
एक तू ही किनारा है,
भैरव दादा तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है।1।
दोहा –
तेरे करम से सलामत है जिंदगी,
और अगर करम नही दादा,
तो कयामत है जिंदगी।
एक बार चले आना,
भैरव देव चले आना,
ये प्रीत का बंधन दादा,
भूल न जाना,
मेरी अर्जी न ठुकराना,
एक बार चले आना।2।
दोहा –
है भेरू देव तेरी रहमतो का दरिया,
कुछ इस कदर चल रहा है,
मुझे भीख मिल रही है,
मेरा नाम चल रहा है।
तुमसे न छुपी मेरी,
जीवन की कहानी है,
मेरी मुसीबत को,
अब तुम्हे सुलझानी है,
‘दिलबर’ किशन को तू,
प्राणों से भी प्यारा है,
पारिख भरत को तू,
प्राणों से भी प्यारा है,
भैरव देवा तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है।3।
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है,
तूने ही तो लाखों का,
जीवन ये सँवारा है,
मझधार में नैया है,
एक तू ही किनारा है,
भैरव दादा ओ तेरे सिवा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है।4।
भैरव जी के दरबार में सच्चे श्रद्धा और विश्वास से की गई प्रार्थना हमेशा फलित होती है। भैरव दादा तेरे सिवा कहो कौन हमारा है जैसे भजन हमें भगवान भैरव की कृपा और आशीर्वाद का अहसास कराते हैं। इस भक्ति को और गहरा करने के लिए जीरावला पारस जय जय पारस भजन, सच्चे मन से नाकोड़ा भक्त जो भी जायेगा, फागुन का महीना चलो मालपुरा दरबार, कभी तो ये बाबा साथी बन जाता है जैन भजन जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏