अरिहंतो का ध्यान धरो निर्ग्रंथों का मान करो लिरिक्स

प्रभु अरिहंत का ध्यान और निर्ग्रंथ मुनियों का सम्मान करना हर जैन अनुयायी का परम कर्तव्य है। अरिहंतो का ध्यान धरो, निर्ग्रंथों का मान करो भजन हमें जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की याद दिलाता है और हमें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह भजन आत्मशुद्धि और समर्पण की भावना को जागृत करता है, जिससे हमारा जीवन धर्ममय और पवित्र बनता है। आइए, इस भजन को पढ़कर अपने हृदय में अरिहंतों की भक्ति का दीप जलाएं।

Arihanto Ka Dhyan Dharo Nigranthon Ka Man Karo

अरिहंतो का ध्यान धरो,
निर्ग्रंथों का मान करो,
जिनवाणी को शीश नमाकर,
धरो हृदय साभार,
कि तेरा मानुष जनम अनमोल,
अरिहंतो का ध्यान धरों।1।

अनादि से कर्मों ने,
तुझको सताया,
कभी आत्म अनुभव का,
अवसर ना आया,
बड़े भाग्य से तूने,
जिन धर्म पाया,
दयालु गुरु ने है,
तुझको पठाया,
कि इनके वचनों को,
अंतर में घोल,
अरिहंतो का ध्यान धरों।2।

समय आ गया अब तो,
मिथ्यात्व छोड़ो,
बस एक वीतरागी से,
सम्बन्ध जोड़ो,
गलत बह रही,
भाव धारा को मोड़ो,
सही ज्ञान से शैल,
कर्मो को तोड़ो,
स्वयं ही मुक्ति के,
द्वारों को खोल,
अरिहंतो का ध्यान धरों।3।

अरिहंतो का ध्यान धरो,
निर्ग्रंथों का मान करो,
जिनवाणी को शीश नमाकर,
धरो हृदय साभार,
कि तेरा मानुष जनम अनमोल,
अरिहंतो का ध्यान धरों।4।

जैन जी के भजन हमें धर्म, ध्यान और आत्मशुद्धि की ओर प्रेरित करते हैं। अरिहंतो का ध्यान धरो, निर्ग्रंथों का मान करो भजन भी हमें यह सिखाता है कि जब तक हम अरिहंतों की आराधना और मुनियों का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक हमें आध्यात्मिक शांति प्राप्त नहीं हो सकती। यदि यह भजन आपको प्रेरित करे, तो ओ मेरे जिनवर हर घड़ी हर पहर भजन, मन मंदिर में बसा रखी है गुरु तस्वीर सलोनी जैन भजन, प्रभु तुमको वंदन मैं करता हूँ अर्पण ये जीवन मेरा, मेरे मन में आकर बस जाओ महावीर प्रभु जी भजन  जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और धर्ममार्ग को और गहरा करें। 🙏

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