भक्ति का असली आनंद तब मिलता है जब हम अपने आराध्य के दरबार में बार-बार हाजिरी लगाने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। आये हर पूनम पे तेरे द्वार पे रे भजन इसी भक्तिभाव को दर्शाता है, जिसमें श्रद्धालु नाकोड़ा भैरव के पावन चरणों में बार-बार आने की प्रार्थना करते हैं। पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्तों की उमंग और आस्था चरम पर होती है, और यह भजन उसी भावनात्मक प्रवाह को व्यक्त करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से नाकोड़ा भैरव की भक्ति में डूबें।
Aaye Har Poonam Pe Tere Dware Pe Re
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आये हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे,
है आये पार्श्व भैरव दरबार में रे,
चाली किस्मत की गाड़ी रफ्तार में रे,
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आए हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे,
हो बोलो पारस प्रभु की जय,
जय बोलो भैरव देव की जय।1।
हो पार्श्व भैरव की शान निराली,
जाता न कोई द्वार से खाली,
द्वार से खाली तेरे द्वार से खाली,
पल में बदल देता किस्मत की रेख रे,
एक बार नाकोड़ा जाकर तू देख ले,
जाकर तू देख जरा जाकर तू देख,
है झोली भरती है इनके द्वार पे रे,
चाली किस्मत की गाड़ी रफ्तार में रे,
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आए हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे।2।
हो दादा तेरे भक्तो का जग में नही तोड़ है,
एक नही भक्त तेरे लाखो करोड़ है,
लाखो करोड़ भक्त लाखो करोड़ है,
नाकोड़ा आने की भक्तो में होड है,
दादा इस दुनिया मे तू तो बेजोड़ है,
तू तो बेजोड़ दादा तू तो बेजोड़ है,
है छाई भक्ति की बहार तेरे द्वार पे रे,
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आए हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे।3।
हो नाकोडा वाले हमको तेरा सहारा,
नवीन प्रदीप का ये जीवन सँवारा,
जीवन सँवारा तुमने जीवन सँवारा है,
जन्मोजनम का है ये रिस्ता हमारा है,
दिलबर कहे सच्चा साथ तुम्हारा है,
है हम आते रहे तेरे द्वार पे रे,
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आए हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे।4।
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आये हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे,
है आये पार्श्व भैरव दरबार मे रे,
चाली किस्मत की गाड़ी रफ्तार में रे,
द्वार पे द्वार पे,
दादा द्वार पे रे,
तेरे द्वार पे रे,
आए हर पूनम पे,
तेरे द्वार पे रे,
हो बोलो पारस प्रभु की जय,
जय बोलो भैरव देव की जय।5।
जैन जी के भजनों की मधुरता और भक्ति-भाव हमें प्रभु के और अधिक निकट ले जाती है। आये हर पूनम पे तेरे द्वार पे रे भजन भी इसी श्रृंखला में एक अनमोल रचना है, जो भक्तों की गहरी आस्था को प्रकट करता है। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति से भर दे, तो “नाकोड़ा भैरव का दरबार, जय हो नाकोड़ा भैरव स्वामी, भक्तों के संकट हरने वाले भैरव” और “नाकोड़ा जी का चमत्कारी धाम” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और भक्ति के इस अनुपम प्रवाह का आनंद लें। 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏