महाकाल की बारात में भजन लिरिक्स

“महाकाल की बारात में भजन हमें उस दिव्य दृश्य की अनुभूति कराता है, जब स्वयं महादेव अपनी अलौकिक बारात लेकर निकलते हैं। यह कोई साधारण बारात नहीं, बल्कि इसमें भूत-प्रेत, अघोरी, नाग, साधु-संत, और स्वयं कालों के काल महाकाल अपनी विशिष्ट भव्यता के साथ शामिल होते हैं। शिव की बारात हर सांसारिक नियमों से परे, अनोखी और अद्भुत होती है। यह भजन हमें शिव की बारात में शामिल होने का निमंत्रण देता है, जिससे हम भी उनकी भक्ति में रम जाएं और अपने जीवन को शिवमय बना लें।

Mahakal Ki Barat Me Bhajan

डम ढोल नगाड़ा बाजे,
झन झन झनकारा बाजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात में,
महाकाल की बारात मे।1।

दूल्हा बने भोले भंडारी,
तन पर भस्म रमाके,
भूत प्रेत नंदी गण नाचे,
बज रहे ढोल ढमाके,
मस्तक पर चंदा साजे,
नंदी पर आप विराजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात मे।2।

भांग धतुरा पिये हलाहल,
दूल्हा बड़ा निराला,
माँ पार्वती के दिल को भाया,
ये कैसा दिलवाला,
जिसके गले में नाग विराजे,
मृगशाला तन पर साजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात मे।3।

उजले होकर सज गए भोले,
मोहक रुप बनाए,
ब्रम्हा जी मृदंग बजाते,
विष्णु मंगल गाए,
श्रृंगी भृंगी भी नाचे,
देव और दानव भी नाचे,
‘गौरव तिलक’ भी नाचे,
महाकाल की बारात में,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात मे।4।

डम ढोल नगाड़ा बाजे,
झन झन झनकारा बाजे,
डम डम डम डमरु बाजे,
महाकाल की बारात में।5।

महाकाल की बारात में भजन हमें इस सत्य का एहसास कराता है कि शिव की भक्ति में शामिल होने से हम भी उनकी अलौकिक लीला का हिस्सा बन सकते हैं। उनकी बारात केवल बाहरी रूप से भव्य नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय में अपार प्रेम और भक्ति का संचार भी करती है। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो आज महाकाल की शादी है, डमरू बजा रहे भोले, भोले के दरबार से खाली नहीं जाएंगे, और भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है भी करें। इन भजनों को पढ़कर आप महाकाल की कृपा का अनुभव करेंगे और उनकी भक्ति में डूब जाएंगे। 🚩🙏✨

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