नवरात्री के तीसरे दिन चंद्रघंटा माता का भोग का विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह न केवल माँ को प्रसन्न करने का एक माध्यम है, बल्कि भक्तों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भी है। माँ चंद्रघंटा को विशेष रूप से दूध से बने प्रसाद अत्यंत प्रिय होते हैं। ऐसा माना जाता है कि Chandraghanta Mata Ka Bhog के रूप में यदि दूध, खीर या दूध से बनी मिठाइयाँ अर्पित की जाएँ, तो माँ प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
भोग अर्पण न केवल धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह भक्त और देवी के बीच एक आध्यात्मिक सेतु भी बनाता है। सही विधि से Navratri 3rd Day Bhog अर्पित करने से माँ शीघ्र प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस लेख में हम माँ चंद्रघंटा के प्रिय भोग, उसकी विधि के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे-
Chandraghanta Mata Ka Bhog
शास्त्रों और पुराणों में उल्लेख मिलता है कि माँ चंद्रघंटा को विशेष रूप से दूध और उससे बनी चीजें अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए Navratri 3rd Day Bhog दूध से बनाये जाते है और माता को अर्पित कर माँ की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
- दूध और दूध से बने व्यंजन: माँ चंद्रघंटा को दूध अत्यंत प्रिय है। इसलिए पूजा में खीर, रबड़ी, दूध से बने पेड़े, माखन-मिश्री आदि अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भक्त के जीवन में सुख-शांति और मानसिक शुद्धि आती है।
- मखाने की खीर: मखाने की खीर माँ चंद्रघंटा के भोग में विशेष स्थान रखती है। इसे गाय के दूध, मखाने, केसर और मिश्री के साथ बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस भोग को अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- गुड़ और चने का प्रसाद: कुछ क्षेत्रों में माँ चंद्रघंटा को गुड़ और भुने हुए चने का भोग भी अर्पित किया जाता है। यह भोग माँ को अत्यंत प्रिय है और इससे भक्तों को शारीरिक और मानसिक बल की प्राप्ति होती है।
- केसर युक्त दूध: आरती के बाद केसर मिला हुआ दूध माँ को अर्पित किया जाता है और फिर इसे प्रसाद रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है। यह भोग शरीर और मन की शुद्धि के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
माँ चंद्रघंटा के भोग की विधि
- स्वच्छता: माँ चंद्रघंटा की पूजा के लिए स्थान को शुद्ध करना आवश्यक है। पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें और स्वच्छ आसन बिछाकर बैठें।
- भोग सामग्री: माँ को भोग लगाने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी- गाय का दूध, मखाने, केसर, मिश्री या गुड़, फल (विशेष रूप से केले और सेब), तुलसी के पत्ते, घी और दीपक
- आवाहन: सबसे पहले माँ चंद्रघंटा का ध्यान करें और निम्नलिखित मंत्र का जाप करें ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।
- भोग निर्माण:
- यदि खीर बनानी है, तो पहले दूध को उबालें और उसमें मखाने डालें। धीमी आंच पर पकने दें और केसर व मिश्री मिलाएं।
- यदि गुड़ और चने का भोग बनाना हो, तो चनों को हल्का सा घी में भून लें और गुड़ के साथ मिलाकर माँ को अर्पित करें। पूजा के बाद प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में बाँटें।
- भोग अर्पण: माँ की आरती करें और भोग अर्पित करें। इसके बाद भोग को स्वयं भी ग्रहण करें और अन्य भक्तों को भी प्रसाद रूप में वितरित करें।
चंद्रघंटा माता का भोग केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भक्तों के प्रेम, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। जब भक्त सच्चे मन से माँ को प्रिय भोग अर्पित करते हैं, तो माँ की कृपा से उनका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन विशेष रूप से दूध और उससे बने प्रसाद माँ को अर्पित करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
FAQ
माँ चंद्रघंटा को कौन सा भोग प्रिय है?
माँ चंद्रघंटा को विशेष रूप से दूध और दूध से बने व्यंजन जैसे खीर, माखन, रबड़ी, मिश्री, और पायस अर्पित करना शुभ माना जाता है।
माँ चंद्रघंटा के भोग में मखाने की खीर क्यों बनाई जाती है?
मखाने की खीर को सात्त्विक और शुद्ध माना जाता है, जिससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
क्या चंद्रघंटा माता को कोई विशेष फल अर्पित करना चाहिए?
हाँ, माँ को केला, सेब, अनार और नारियल विशेष रूप से अर्पित करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
क्या चंद्रघंटा माँ को नमक रहित भोग अर्पित किया जाता है?
जी हाँ, माँ को अर्पित किया जाने वाला प्रसाद पूरी तरह सात्त्विक और बिना लहसुन-प्याज और नमक के बनाना चाहिए।
क्या भोग में तुलसी के पत्ते डाल सकते हैं?
हाँ, तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है, और इसे माँ चंद्रघंटा के भोग में शामिल करने से प्रसाद की पवित्रता और बढ़ जाती है।
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱