लक्ष्मी गायत्री मंत्र हिंदी में: संपूर्ण मंत्र, अर्थ और उसके जाप की विधि एक ही स्थान पर

मां लक्ष्मी केवल धन की देवी नहीं, बल्कि सुख, शांति और सौभाग्य की भी प्रतीक हैं। उनकी कृपा पाने के लिए लक्ष्मी गायत्री मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली साधना मानी जाती है। यदि आप Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi खोज रहे हैं, तो यहां आपको Lakshmi Gayatri Mantra Lyrics, उसका अर्थ और शुद्ध उच्चारण, जाप विधि सरल भाषा में प्राप्त होगी।

Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ

Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi

॥ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

मंत्र का अर्थ- हम मां महालक्ष्मी के तेजस्वी स्वरूप को जानें, जो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। वे हमें सद्बुद्धि प्रदान करें और हमारे जीवन को धन, वैभव व शुभता से भर दें।

Lakshmi Gayatri Mantraका जाप करने से जीवन में दरिद्रता दूर होती है और देवी लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। यदि आप धन प्राप्ति के अन्य उपायों की खोज कर रहे हैं, तो कुबेर मंत्र, लक्ष्मी चालीसा, या श्री सूक्त पाठ जैसे स्तोत्रों को भी अपने दैनिक पूजा-पाठ में शामिल करें। ये सभी उपाय मां लक्ष्मी की कृपा को स्थिर करने और जीवन को वैभवशाली बनाने में अत्यंत सहायक हैं।

Mahalaxmi Gayatri Mantra की मुख्य जाप विधि

  1. जाप का उत्तम समय: शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन इस मंत्र का जाप अत्यधिक शुभ होता है। प्रातः काल या संध्या के समय लक्ष्मी माता के सामने दीपक जलाकर जाप करें।
  2. शुद्धता और स्थान: स्नान करके साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़क कर पवित्र वातावरण बनाएँ। सफेद या गुलाबी वस्त्र और कमल के आसन का प्रयोग करें।
  3. पूजन सामग्री और तैयारी: लक्ष्मी माता की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक, अगरबत्ती, कमल पुष्प, चावल, दूध, घी और नैवेद्य रखें और ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः कहकर ध्यान करें।
  4. मंत्र का जाप: अब श्रद्धा के साथ Sri Lakshmi Gayatri Mantra का जप करें। इस मंत्र का जाप कम से कम 11, 21, या 108 बार करें। जाप करते समय रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग कर सकते हैं।
  5. ध्यान: जाप के बाद माँ लक्ष्मी की आरती करें और हाथ जोड़कर धन, ऐश्वर्य और सुख की प्राप्ति की प्रार्थना करें।

FAQ

इस मंत्र का जाप कब करें?

शुक्रवार को, विशेष रूप से प्रातःकाल या संध्या के समय, इसका जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।

क्या बिना संस्कृत ज्ञान के भी इसे जपा जा सकता है?

क्या इस मंत्र से तुरंत लाभ मिलता है?

क्या इस मंत्र को दीपावली पर जपने से अधिक फल मिलता है?

क्या इसे बिना दीक्षा के जप सकते हैं?

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