ब्रज की गलियों में गोपियों की यह शिकायत गूँजती है – Ni Maindoodh Kaahe Naal Ridaka Chaati Cho Madaani Le Gaya Ringtone। यह स्वर हमें उस समय में ले जाता है, जब श्यामसुंदर की बाल लीलाएँ हर घर में आनंद और हलचल भर देती थीं। इसको सुनते ही मानो कानों में वही नटखट हँसी और माखन की मिठास उतर जाती है।
Ni Maindoodh Kaahe Naal Ridaka Chaati Cho Madaani Le Gaya Ringtone
Ni Maindoodh Kaahe Naal Ridaka Chaati Cho Madaani Le Gaya Ringtone में कान्हा की चंचलता और गोपियों के स्नेहिल उलाहने का ऐसा संगम है, जो हर दिल को ब्रज की परंपरा से जोड़ देता है। वहीं, भक्तो का घर है रिंगटोन, भक्तों ने मिलकर देखो सुन्दर केक मंगाया रिंगटोन, यून तो पहले बहुत मिले थे रिंगटोन सुनकर आपको भक्ति और प्रेम का अलग ही स्वाद मिलेगा। इस अनुपम अनुभव को अपने करीब रखने के लिए इसको अभी अपने फोन में रिंगटोन लगाएं।