तुझसे ना कुछ छिपा है, तुझको तो सब पता है —यह भजन भक्त और भगवान के मधुर संवाद को दर्शाता है। जब कोई भक्त अपने मन की व्यथा, प्रेम और समर्पण को श्याम बाबा के चरणों में अर्पित करता है, तो वह जानता है कि बाबा के सामने कुछ भी छुपा नहीं है। यह भजन श्याम बाबा की सर्वज्ञता, उनकी कृपा और भक्तों पर उनकी अपार दया को व्यक्त करता है।
Tujhse Na Kuch Chipa Hai Tujhko To Sab Pata Hai
तुझसे ना कुछ छिपा है,
तुझको तो सब पता है,
तुझको तो सब पता है।1।
कोई नही है मेरा,
बाबा तेरे अलावा,
दुनिया है तेरी है झूठी,
करती है बस छलावा,
तू ना कभी छल जाना,
दुनिया ने तो छला है,
तुझसे ना कुछ छुपा है,
तुझको तो सब पता है,
तुझको तो सब पता है।2।
तू जानता है सब कुछ,
कैसा है हाल मेरा,
हारुंगा कैसे पर मैं,
आखिर हूँ लाल तेरा,
मुझको निभाएगा तू,
इतना मुझे पता है,
तुझसे ना कुछ छुपा है,
तुझको तो सब पता है,
तुझको तो सब पता है।3।
हालात कैसे भी हो,
अपना बना के रखना,
तेरे अलावा मुझपे,
कुछ भी नहीं है अपना,
तेरे ‘दीप’ को ओ बाबा,
तेरा ही आसरा है,
तुझसे ना कुछ छुपा है,
तुझको तो सब पता है,
तुझको तो सब पता है।4।
तुझसे ना कुछ छिपा है,
तुझको तो सब पता है,
तुझको तो सब पता है।5।
श्याम बाबा भक्तों के हृदय की हर भावना को जानते हैं, इसलिए उन्हें कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं होती। बस श्रद्धा और प्रेम से उन्हें पुकारो, और वे सदा आपके साथ रहेंगे। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “मालिक हो तुम मेरे भूलूं ना आभार तेरा“, सारी दुनिया में गूंज रहा बस एक ही नारा है, और “सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम भक्ति में लीन हो जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶