तेरे नाम के दीवाने तेरे दर पे आ गये है

जब हृदय में सच्ची श्रद्धा और प्रेम उमड़ता है, तो भक्त अपने आराध्य के द्वार पर बिना किसी संकोच के पहुँच जाता है। तेरे नाम के दीवाने तेरे दर पे आ गए हैं भजन इसी भाव को प्रकट करता है जहाँ श्याम प्रेमी, उनकी भक्ति में लीन होकर, अपने मन की व्यथा और प्रेम उनके चरणों में अर्पित करने के लिए खाटू धाम पहुँचते हैं। यह भजन समर्पण और श्रद्धा की सुंदर अभिव्यक्ति है।

Tere Naam Ke Deewane Tere Dar Pe Aa Gaye Hai

तेरे नाम के दीवाने,
तेरे दर पे आ गये है।।

आवाज़ दिल की तू पहचान ले,
बेटा हूँ मैं तेरा ये मान ले,
तुझे दिल की हम सुनाने,
तुझे दिल की हम सुनाने,
तेरे दर पे आ गये है।।

जाने ना जाने भटकता किधर,
मुझको ना मिलता जो तेरा ये दर,
ठुकरा के सौ ठिकाने,
ठुकरा के सौ ठिकाने,
तेरे दर पे आ गये है।।

हर पल लबों पे है तेरा ज़ीकर,
तुझको भी रहती है मेरी फ़िकर,
कहे ‘राज’ सर झुकाने,
कहे ‘राज’ सर झुकाने,
तेरे दर पे आ गये है।।

तेरे नाम के दीवाने,
तेरे दर पे आ गये है।।

श्याम बाबा के नाम के दीवाने उनकी महिमा गाकर धन्य हो जाते हैं। जब एक बार श्याम धणी की छवि हृदय में बस जाती है, तो फिर मन कहीं और नहीं भटकता। यदि यह भजन आपकी भक्ति को गहराई दे रहा है, तो “जब दर पे श्याम बुलाने लगे”, “बाबा को ढूंढता हूँ खाटू की हर गली में”, “खाटू दूर है मगर खाटू वाला नहीं” और “मांगने आया हूँ मैं लेकर जाऊंगा” जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य पढ़ें। जय श्री श्याम!

Leave a comment