सिर पे पगड़ी राजस्थानी बागो रंग केसरिया

सिर पे पगड़ी राजस्थानी, बागो रंग केसरिया —यह भजन राजस्थानी संस्कृति और खाटू श्याम जी की महिमा को दर्शाता है। श्याम बाबा का रूप ही ऐसा है कि जब वे केसरिया रंग की राजस्थानी पगड़ी धारण करते हैं, तो भक्तों का मन आनंदित हो उठता है। यह भजन श्रद्धा, भक्ति और गौरव का प्रतीक है, जिसमें भक्त श्याम के दिव्य स्वरूप और उनकी राजसी शोभा का गुणगान करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी श्याम के अद्भुत स्वरूप का स्मरण करें और उनकी भक्ति में लीन हों।

Sir Pe Pagdi Rajasthani Bago Rang Kesariya

सिर पे पगड़ी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया,
बनडो जिसो बाबो लागे,
बनडो जिसो बाबो लागे,
लागे नहीं नजरिया,
सर पे पगडी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया।1।

माथे केसर तिलक लगाए,
अखिया है कजरारी,
अखिया है कजरारी,
नीले पे सज धज के बैठा,
तीन बाण का धारी,
तीन बाण का धारी,
खाटू के मंदिर में बैठा,
खाटू के मंदिर में बैठा,
मुस्काए सांवरिया,
सर पे पगडी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया।2।

दुनिया के देवों से अलग है,
सुंदर श्याम हमारा,
सुंदर श्याम हमारा,
हार के जो आया खाटू में,
देता उसे सहारा,
देता उसे सहारा,
कण कण पे नजरे है इसकी,
कण कण पे नजरे है इसकी,
सबकी रखे खबरिया,
सर पे पगडी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया।3।

जो शरणागत रहे श्याम की,
वो दुख से नहीं रोए,
वो दुख से नहीं रोए,
कमी रहे ना कोई उसको,
सुख की सेज पे सोए,
सुख की सेज पे सोए,
श्याम कृपा ‘बेधड़क’ बरसती,
श्याम कृपा ‘बेधड़क’ बरसती,
बन सावन की बदरिया,
सर पे पगडी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया।4।

सिर पे पगड़ी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया,
बनडो जिसो बाबो लागे,
बनडो जिसो बाबो लागे,
लागे नहीं नजरिया,
सर पे पगडी राजस्थानी,
बागो रंग केसरिया।5।

श्याम बाबा का हर रूप भक्तों के मन को मोह लेने वाला होता है और जब वे राजस्थानी पगड़ी में सजते हैं, तो उनकी शोभा अद्भुत हो जाती है। यह भजन हमें खाटू श्याम जी की भव्यता और उनकी भक्ति की महिमा का अनुभव कराता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “मेरे घर के ऊपर तेरी मोरछड़ी का साया हो, सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए, और “श्याम बिना कुछ भाता नहीं” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में रंग जाएं। जय श्री श्याम! 🙏💙

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